जबलपुर: एक माह पहले बने सीवर के चैम्बरों ने छोड़ी गिट्टी, सड़कें भी बदहाल

  • सिविल लाइन, घमापुर से रद्दी चौकी, ब्लूम चौक से रसल चौक के बीच सड़क पर खतरनाक गड्ढे बने राहगीरों की मुसीबत
  • शहर के साथ उपनगरीय क्षेत्रों में भी सड़कों की स्थिति जर्जर है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-26 14:10 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। सावन के साथ शुरू हुई मूसलादार बारिश ने शहर की सड़कों की धज्जियाँ उड़ाकर रख दी हैं। शहर की ऐसी काेई रोड नहीं होगी जहाँ एक से दो फीट गहरे गड्ढे न हों। इनके बीच से लोग निकलने के लिए मजबूर हैं।

सड़कों के साथ सिविल लाइन जैसे पॉश एरिया में करीब एक माह पहले बनाए गए सीवर लाइन के चैम्बरों के चारों तरफ से गिट्टियाँ उखड़ने पर वहाँ की जगह खतरनाक गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।

ऐसा ही हाल घमापुर चौक से रद्दी चौकी के बीच का है, जहाँ हाल ही में बनाई गई सड़क जगह-जगह से जर्जर होकर चौपट हो चुकी है। ब्लूम चौक से रसल चौक जाने वाली सड़क पर कई गड्ढे इतने खतरनाक हो चुके हैं कि हर दिन चार से पाँच गाड़ियाँ इनमें फँसती हैं या स्पीड से चलने वाले दोपहिया वाहन पलटते जाते हैं।

इसी तरह रामपुर बंदरिया तिराहे से गौरीघाट जाने वाले मार्ग पर भी बीच सड़क पर इतने खतरनाक गड्ढे हैं कि जरा सी चूक होने पर दुर्घटना होना निश्चित है। शहर के साथ उपनगरीय क्षेत्रों में भी सड़कों की स्थिति जर्जर है। रांझी, गढ़ा, अधारताल, बिलहरी, विजय नगर के अलावा सभी जगहों की मुख्य सड़कों पर बारिश के चलते बड़े-बड़े गड्ढे होने से भारी परेशानियाँ लोगों को झेलनी पड़ रही हैं।

स्कूली बच्चे व महिलाएँ सबसे ज्यादा प्रभावित

खराब सड़कों की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित स्कूली बच्चे और महिलाएँ हाेती हैं, क्योंकि वैन और ऑटो में स्कूली बच्चों को जर्जर सड़कों के कारण दचके खाते हुए आना-जाना पड़ता है। इसी तरह नौकरीपेशा महिलाओं को भी ऑफिस आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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