जबलपुर: एक ही स्कूल को पीएम श्री और सीएम राइज का दर्जा, सुविधाएँ एक की भी नहीं
- लापरवाही उजागर होने पर अधिकारी बोले, दिया जाए किसी एक का दर्जा
- एक ही स्कूल को पीएम श्री और सीएम राइज का दर्जा देने का प्रावधान है ही नहीं।
- अपग्रेडेशन से जुड़े कार्यों को अलग-अलग मद में कराने में परेशानी होगी और ऑडिट में भी दिक्कत आएगी।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शिक्षा का स्तर बेहतर करने के लिए केंद्र की अलग योजना है और प्रदेश सरकार की अलग। कुछ स्कूलों को पीएम श्री के लिए चयनित किया गया है, जबकि कुछ सीएम राइज का दर्जा हासिल करने में कामयाब हुए हैं।
जिले में इंद्राना हायर सेकेंडरी स्कूल इकलौती ऐसी खुशकिस्मत शाला है जिसे दोनों दर्जे हासिल हो गए हैं। दो-दो बड़े ओहदे हासिल करने के बावजूद शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला इंद्राना की स्थिति में न के बराबर भी सुधार नहीं हो सका है।
पहली बारिश में ही पानी आने लगा है। बच्चों को बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सी-टेबल तक नहीं है, जबकि इस तरह की किसी भी श्रेणी हासिल करने वाले स्कूलों को तमाम सुविधाएँ और फंड का प्रावधान है।
एपीसी सुनील गुप्ता ने बताया कि कोई एक टाइटल हटाए जाने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। गौरतलब है कि जिले में 15 स्कूलों को सीएम राइज और 17 को पीएम श्री स्कूल का टाइटल दिया गया है।
दो दर्जे की दिक्कत
>एक ही स्कूल को पीएम श्री और सीएम राइज का दर्जा देने का प्रावधान है ही नहीं। दोनों ही विभाग के ऑडिट अलग-अलग कराने होंगे।
>यदि एक ही स्कूल को पीएम श्री और सीएम राइज स्कूल के पास दोनों तरह के दर्जे आ जाते हैं तो आगे योजनाओं का लाभ मिलने में परेशानी आना तय है।
>सीएम राइज स्कूल में नए भवन का निर्माण होना है, जबकि पीएम श्री में मौजूद भवन में नई सुविधाएँ जुटानी होंगी।
>ऐसे में निर्माण और अपग्रेडेशन से जुड़े कार्यों को अलग-अलग मद में कराने में परेशानी होगी और ऑडिट में भी दिक्कत आएगी।
स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटर लैब और एक्सपर्ट टीचर
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम एसएचआरआई) योजना में चयनित जिले के स्कूल में नवीन शिक्षण सत्र में विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट क्लास रूम, आधुनिक कम्प्यूटर लैब, स्मार्ट खोज प्रयोगशाला तैयार की जाएगी।
इसके अलावा अलग-अलग विषयों के एक्सपर्ट शिक्षक की तैनाती की गई है। इसके अलावा खेलकूद एवं पर्यावरण संरक्षण सहित अन्य गतिविधियों में भागीदारी के अवसर मुहैया कराए जाएँगे। इस तरह की तमाम सुविधाओं के लिए केंद्र सरकार फंडिंग करती है।