लापरवाही: संजीवनी नगर स्थित कछपुरा आरओबी की ओर नहीं है जिम्मेदारों का ध्यान
- दीवार पर पनप रहे भारी-भरकम पेड़, कमजोर हो रहा करोड़ों का ब्रिज
- हो सकता है बड़ा हादसा
- समस्या सामने आने पर जल्द ही सारे पेड़ कटवाकर मानसून के बाद पुन: ब्रिज का निरीक्षण किया जाएगा।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। ट्रेनें गुजरने के दौरान बंद रेल फाटक से आम लोगों को समस्याएँ न झेलनी पड़ें इसके लिए संजीवनी नगर क्षेत्र स्थित कछपुरा में करोड़ों का रेल ओवर ब्रिज कुछ समय पूर्व बनवाया गया था लेकिन संबंधित जिम्मेदारों ने इसे भगवान भरोसे छोड़ दिया और यही वजह है कि आरओबी की दीवार पर भारी-भरकम पेड़ पनप रहे हैं जो कि लगातार इसे कमजोर बना रहे हैं। इस बीच रेलवे एवं नगर निगम के जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण वृक्षों की टहनियों से सड़क हादसे भी सामने आते दिख रहे हैं।
दो दशक पूर्व हुआ था ब्रिज का निर्माण
जानकारों की मानें तो कछपुरा क्षेत्र से प्रतिदिन एक सैकड़ा से ज्यादा यात्री एवं मालगाड़ी ट्रेनें गुजरती हैं। इसी के चलते दिनभर यहाँ कई बार रेल फाटक बंद होता है। इसी के चलते लोगों को बार-बार रुकने से उनके समय की बर्बादी होने के अलावा लम्बा जाम भी लग जाता था।
जिसे देखते हुए रेलवे द्वारा वर्ष 1999-2000 में यादव कॉलोनी से संजीवनी नगर गढ़ा मार्ग पर रेल ओवर ब्रिज का निर्माण करवाया गया था। ब्रिज बनने से लोगों को राहत भी मिली लेकिन रेलवे एवं नगर निगम के जिम्मेदार इसे भूल गए।
टहनियों से सामने आ रहे हादसे
क्षेत्रीयजनों का आरोप है कि इन भारी-भरकम वृक्षों की टहनियाँ भी इतनी लम्बी हो चुकी हैं कि उनके कारण ब्रिज से गुजरने वाले वाहन चालक जब-तब गिरकर घायल हो जाते हैं। इस दौरान नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत करने पर वे रेलवे से शिकायत करने को कहते हैं और इस तरह कोई भी इस समस्या को दूर करने सजगता नहीं दिखा रहा है।
नियमित देखरेख के अभाव में पनप रहे पेड़
जानकारों की मानें तो रेलवे के अलावा नगर निगम को भी कछपुरा आरओबी की नियमित रूप से देखभाल करनी चाहिए थी लेकिन संबंधित जिम्मेदार पूरी तरह से उदासीन हो गए और गुलौआताल की ओर से शुरू होकर ब्रिज ज्यों-ज्यों आगे बढ़ता है तो इसकी दीवार पर पीपल, वट, अमरूद और आँवला तक के पौधे पनप आए। ये पौधे समय गुजरने के साथ ही बड़े आकर के पेड़ बन गए और ब्रिज की दीवार को ये क्षतिग्रस्त करने लगे हैं।
यहाँ आश्चर्यजनक बात ये है कि संजीवनी नगर की ओर चौपाटी के पास वाली दीवार पर लगा पीपल का वृक्ष पक्षियों के घोंसले बनाने में उपयोग हो रहा है और उसे यथाशीघ्र अलग करवाना जरूरी हो गया है।
मानसून के पूर्व कछपुरा ब्रिज का निरीक्षण किया गया था, अभी वहाँ किसी प्रकार की कोई भी तकनीकी समस्या नहीं दिखी है लेकिन हाँ अब यह समस्या सामने आने पर जल्द ही सारे पेड़ कटवाकर मानसून के बाद पुन: ब्रिज का निरीक्षण किया जाएगा।
-डॉ. मधुर वर्मा, सीनियर डीसीएम, पमरे