जबलपुर: नवनियुक्त प्राथमिक शिक्षकों को बाहर करने के आदेश से मचा हड़कंप
- डीपीआई के पत्र ने शिक्षा विभाग में मचाई खलबली, परेशान होते रहे प्राथमिक शिक्षक
- लोक शिक्षण संचालनालय के इस आदेश से जबलपुर सहित प्रदेश के 25 जिलों में हड़कंप मचा हुआ है।
- डीपीआई ने 25 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर शिक्षकों की सूची माँगी है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक (वर्ग-3) के बीएड धारी जिन शिक्षकों की नियुक्ति 11 अगस्त 2023 के बाद हुई है, उनकी नौकरी खतरे में है। लोक शिक्षण संचालनालय की तरफ से जारी इस आदेश के मुताबिक उन्हें बाहर करके उनके स्थान पर डीएलएड धारकों को मौका मिलेगा।
डीपीआई ने 25 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर शिक्षकों की सूची माँगी है और मानकों में नहीं आने वालों की नियुक्ति निरस्त करने कहा है। दरअसल यह आदेश उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे संबंध के प्रकरणों की सुनवाई के बाद जारी किया गया है। लोक शिक्षण संचालनालय के इस आदेश से जबलपुर सहित प्रदेश के 25 जिलों में हड़कंप मचा हुआ है।
जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी के मुताबिक जिले के सभी 83 संकुल प्राचार्यों को एवं 10 सीएम राइज प्रिंसिपल को पत्र लिखकर जानकारी तलब की जा रही है। जिले के 1700 प्राथमिक स्कूलों में कितने शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने बीएड किया है और उनकी नियुक्ति 11अगस्त 2023 के बाद हुई है।
डीपीआई के इस पत्र के जारी होने के बाद जबलपुर शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है। हालाँकि जानकारों का कहना है कि इस दायरे में आने वाले शिक्षकों की संख्या ज्यादा नहीं होगी क्योंकि नियुक्तियाँ कम हुई हैं।
डीपीआई से आदेश मिला है इस मामले में जानकारी एकत्रित करके सूची बनाने के लिए अधीनस्थ कर्मचारियों को आदेशित किया गया है। फिलहाल यह बता पाना मुश्किल है कि कितने शिक्षक इस आदेश से प्रभावित होंगे।
-घनश्याम सोनी, डीईओ, जबलपुर
पहले नियुक्ति दी, अब निरस्त कर रहे
शासन के निर्णय को लेकर अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि अवमानना की कार्रवाई से बचने के लिए विभाग द्वारा 28 अगस्त को उक्त आदेश जारी कर इन नियुक्तियों को निरस्त किया जा रहा है।