जबलपुर: गढ़ा बाजार की मुख्य सड़क पर सेंटर प्वाॅइंट तक कब्जे
शाम 5 बजते ही इस हिस्से में अजब हालात, बड़े हिस्से में सड़क को स्थाई के साथ अस्थाई कब्जों ने निगल लिया
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
शहर के पश्चिमी हिस्से का सबसे अहम गढ़ा बाजार मार्ग बीते कई सालों से स्थाई के साथ अस्थाई कब्जों की वजह से पीक आवर्स में निकलने वालों के लिए तकलीफों भरा हो गया है। इस सड़क पर गढ़ा बाजार के नजदीक तो यह स्थिति तक है कि सड़क के सेंटर प्वाॅइंट तक ठेले खड़े होने लगे हैं। जो मुख्य बाजार में परचून, जनरल स्टोर और अन्य तरह की दुकानें हैं, उनकी सामग्री सड़कों तक पसरी रहती है। इन दुकानों में आने वाले ग्राहकों के वाहन सड़क को घेर लेते हैं और रही-सही भरपाई फल-सब्जी के ठेले कर देते हैं। शाम 5 बजते ही इस हिस्से में स्थिति बहुत पीड़ादायक होती है। एक-एक वाहन को निकलने में बड़ी मशक्कत और परेशानी के बीच वाहन चालक आगे बढ़ पाता है। लोगों का कहना है कि इस पूरे हिस्से में सख्ती के साथ जब तक अतिक्रमणों पर कार्रवाई नहीं होती है, तब तक यहाँ से आम जनता का सहजता से िनकल पाना संभव नहीं हो सकता है।
बस पेवर ब्लॉक ही बदल सके
गढ़ा बाजार में सबसे बड़ी परेशानी सब्जी का बाजार बना हुआ है। इस बाजार को दो मंजिला भवन या कुछ इसी तरह से वेजीटेबल मार्केट में विकसित कर सड़क से निकलने वालों को राहत दी जा सकती है, पर बीते एक दशक में बस इतना हो सका कि बाजार में सुधार के नाम पर पुराने पेवर ब्लॉक निकालकर नये लगा दिये जाते हैं। बाजार में आने वाले लोगों का कहना है कि जब तक इस हिस्से में कोई बेहतर मार्केट डेवलप नहीं किया जाता, तब तक मुख्य मार्ग में कब्जों से मुक्ति नहीं मिल सकती है। हर दिन, विशेष तौर पर शाम के समय ज्यादा परेशानी है।
60 फीट की सड़क 20 फीट की रह गई
रिकाॅर्ड में तो गढ़ा बाजार का मुख्य मार्ग 60 फीट का है, इसके लिए कुछ साल पहले यहाँ अतिक्रमण भी हटाये गये, ताकि सड़क को पूरी चौड़ाई में बनाया जा सके, पर नगर निगम ने सड़क की चौड़ाई को बढ़ाने की बजाय और सँकरा कर दिया। अब आलम यह है कि अच्छी-खासी चौड़ी सड़क पर निकलने, चलने के लिए 20 फीट का भी रास्ता नहीं है। बढ़ती आबादी के साथ सड़क की चौड़ाई बढ़ने की बजाय और सँकरी हो गई है।