जबलपुर: अधारताल तिराहा से रद्दी चौकी तक फ्लाईओवर 2 साल से अटका
- सेतु बंध योजना में केन्द्र सरकार ने इसको स्वीकृत किया लेकिन लोक निर्माण विभाग इसको बजट नहीं दिला सका
- 100 करोड़ रुपए से प्रस्तावित है यह प्रोजेक्ट
- केन्द्र सरकार की सेतु बंध योजना में इस फ्लाईओवर को स्वीकृति केन्द्र से मिली
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पेंटीनाका चौराहा पर फ्लाईओवर के लिए 43 करोड़ का बजट तो मिल गया पर इसी योजना में अधारताल (बिरसा मुुंडा तिराहा) से रद्दी चौकी एरिया का फ्लाईओवर अटक कर रह गया है।
अधारताल एरिया में फ्लाईओवर के लिए पूरा प्रोजेक्ट तैयार किया गया। 1800 मीटर के एरिया में इसको अधारताल थाने से बिरसा मुंडा तिराहा से रद्दी चौकी तक बनाने का प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल भेजा गया पर इसको फाइनल एनओसी और बजट अभी तक नहीं मिल सका है।
केन्द्र सरकार की सेतु बंध योजना में इस फ्लाईओवर को स्वीकृति केन्द्र से मिली, लेकिन राज्य से मामला आगे नहीं बढ़ सका। इस हिस्से में फ्लाईओवर को लेकर लंबे समय से माँग की जा रही है। अधारताल एरिया में फ्लाईओवर के लिए मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन को एजेंसी तय किया गया पर उसके बाद मामला आगे उलझा हुआ है।
एमपीआरडीसी के डीएम राजेन्द्र चंदेल कहते हैं कि इसको लेकर प्रस्ताव भेजा गया है, अब मंत्रालय स्तर पर जल्द फैसला होने की संभावना है। इसके बनने से जनता को निश्चित तौर पर राहत मिलेगी।
फिलहाल पूरे एरिया में ट्रैफिक का कबाड़ा
जो भी व्यक्ति शाम के वक्त अधारताल तिराहा से रद्दी चौकी और आगे फिर गोहलपुर चौक की सीमा तक जाता है वह भली भाँति समझ सकता है कि किस तरह ट्रैफिक में वह फँसता है। गोहलपुर में जाम से सामना होता है।
इसके बाद रद्दी चौकी में भी यही दशा, अधारताल तिराहे पर भी ट्रैफिक जाम से निजात नहीं मिलती। इस पूरे एरिया में सघन आबादी और बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए जानकारों का कहना है कि अब जल्द से जल्द यहाँ पर फ्लाईओवर का निर्माण होना आवश्यक हो गया है।
कुछ इस तरह बनना है
अधारताल थाने की सीमा से बिरसा मुंडा तिराहा को क्राॅस करते हुए इस फ्लाईओवर को केवल 500 या 800 मीटर की सीमा तक बनना था पर बाद में एमपीआरडीसी ने इसमें संशोधन किया और लंबाई को बढ़ाकर 1800 मीटर कर प्रस्ताव को दोबारा भेजा है। बताया गया कि इस सीमा में बनने में लागत बढ़ेगी। फ्लाईओवर 12.5 मीटर चौड़ा बनाने का प्लान है।