जबलपुर: पूरे 108 किलोमीटर की रिंग रोड सीमेण्ट की बजाय डामर से बनेगी

  • सीमेण्टेड रोड में समय के साथ पैनल क्रैक सहित वाहनों के चलने में उतनी आसानी नहीं इसलिए इस बड़ी सड़क को डामरीकृत किया जाएगा
  • बड़ी सड़क समय सीमा में बनकर तैयार हो इसके लिए विभाग तेजी से काम कर रहा है।
  • सड़क को कुल 3 हजार करोड़ की राशि से पाँच पार्ट में बनाया जाना है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-19 11:54 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर की सबसे महत्वाकांक्षी सड़क रिंग रोड को 108 किलोमीटर के दायरे में सीमेण्टेड की बजाय पूरा डामरीकृत बनाया जाएगा। शहर के चारों ओर रिंग रोड का निर्माण सीमेण्ट की बजाय डामर से करने का निर्णय कई तरह के तकनीकी पहलुओं पर गौर करने के बाद लिया गया है।

शहर के आसपास जो हाईवे बने हैं उनमें चलने के दौरान जो वाहनों में जर्क लगता है या सीधे तौर पर कहा जाए तो उतनी सहजता नहीं होती है। राइडिंग क्वाॅलिटी से लेकर कई तरह की तकनीकी खामियाँ सीमेण्टेड सड़क में कुछ सालों में उभरकर सामने आई हैं।

सभी तरह की स्थितियों पर गौर करने के बाद केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने रिंग रोड को डामर से बनाने की स्वीकृति दी है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमृत लाल साहू कहते हैं कि सड़क को डामर से ही बनाया जाएगा।

यह बड़ी सड़क समय सीमा में बनकर तैयार हो इसके लिए विभाग तेजी से काम कर रहा है।

मौजूदा निर्माण की स्थिति कुछ ऐसी| इस रिंग रोड को कुल पाँच हिस्सों में बनना है। इसमें केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय से स्वीकृति के बाद पहले हिस्से के रूप में बरेला से मानेगाँव के बीच ही काम चालू है तो 3 और हिस्सों में जल्द से जल्द काम चालू किया जाएगा।

ये 3 हिस्से मानेगाँव से एनएच-45 की ओर भेड़ाघाट स्टेशन, भेड़ाघाट स्टेशन से पनागर कुशनेर और पनागर कुशनेर से अमझर तक शामिल हैं। टेण्डर फाइनल होने के बाद इन हिस्सों में काम आरंभ होने वाला है। इनमें ज्यादातर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है।

आखिरी हिस्सा कुण्डम रोड अमझर से बरेला शारदा मंदिर तक 18 किलोमीटर का है जिसके टेण्डर की प्रक्रिया चल रही है। सड़क को कुल 3 हजार करोड़ की राशि से पाँच पार्ट में बनाया जाना है।

पुराने नदी ब्रिज के नजदीक ही दूसरा ब्रिज

अभी बरेला डोबी गाँव से चूल्हा गोलाई की सीमा तक गौर नदी में एक ब्रिज है, इसी तरह गौर से आगे नर्मदा में एक ब्रिज है। इस हिस्से में ब्रिज का निर्माण एमपीआरडीसी ने किया है जिसे अब एनएचएआई फोरलेन सड़क के हिसाब से पुराने ब्रिज के नजदीक ही एक नया ब्रिज बना रहा है।

नदियों में रिंग रोड के लिए ब्रिज बनाने का वर्क आरंभ कर दिया गया है। दो नये ब्रिज के साथ 16 किलोमीटर के पहले हिस्से में सर्विस रोड, 7 अंडर व्हीकल पास, पैसेंजर पास जैसी संरचनाएँ भी बननी हैं।

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