जबलपुर: विभाग ही दे देता है पहली क्लीन चिट खनिज को लूटने वाले माफिया बेखौफ
- गौर, कोसमघाट, उमरिया-डुंगरिया में सैकड़ों डम्पर खनिज का हुआ अवैध परिवहन
- मीडिया में मामला उठने के बाद तो वैसे भी मौके पर कोई नहीं मिलता
- खनिज विभाग यह तक पता नहीं कर पाया कि अवैध उत्खनन कौन कर रहा था।
डिजटल डेस्क,जबलपुर। मामला पिछले दिनों का है जब शहर से केवल चंद किलोमीटर की दूरी पर कजरवारा से आगे उमरिया के पास गौर नदी के किनारे अवैध खुदाई करते हुए सैकड़ों डम्पर मुरुम और अन्य खनिज की लूट हुई। स्थानीय लोगों ने आवाज उठाई और मामला चर्चा में आया।
खनिज विभाग ने केवल इतना किया कि वहाँ एक टीम भेजी और यह कह दिया गया कि वहाँ कोई नहीं मिला। मामला खत्म। कुछ ऐसा ही कोसमघाट और औद्योगिक क्षेत्र उमरिया-डुंगरिया में भी हुआ।
सैकड़ों डम्पर खनिज की लूट हुई बाद में खनिज विभाग का अमला गया और कह दिया गया कि अवैध उत्खनन बंद हो गया। किसने खनिज लूटा, कितना लूटा, हर्जाना वसूला गया या नहीं इसकी न तो कोई जानकारी, न ही कोई कार्रवाई। इसका सीधा सा मतलब है कि खनिज विभाग खनिज के लुटेरों को सीधे क्लीन चिट दे देता है और वे कुछ दिन शांत रहते हैं फिर अवैध कार्य शुरू हो जाता है।
इन दिनों शहडोल का एक मामला जोर-शोर से उठाया जा रहा है। ऐसा ही मामला पिछले दिनों गौर नदी का उठाया गया था जब पता चला कि कुछ लोगों ने सैकड़ों डम्पर मुरुम और कापू का अवैध तरीके से खनन किया जिससे गौर नदी पर ही संकट आ गया था। और अधिक खुदाई होती तो निश्चित ही गौर का बहाव भी बदल सकता था।
निस्संदेह खनिज विभाग ने मामले में संज्ञान लिया लेकिन केवल इतना कि वहाँ कोई नहीं मिला। मीडिया में मामला उठने के बाद तो वैसे भी मौके पर कोई नहीं मिलता और खनिज विभाग को भी इतना ही पता चला।
उमरिया-डुुंगरिया का पहाड़ संकट में
औद्योगिक क्षेत्र उमरिया-डुंगरिया में भी जमकर मुरुम का अवैध उत्खनन हुआ। वहाँ के सेमरा गाँव के पहाड़ को बुरी तरह कुतरा गया और हजारों डम्पर मुरुम निकाल ली गई। खनिज विभाग का इस मामले में कहना था कि सेमरा में मुरुम की कोई खदान ही नहीं है और वहाँ एक-दो बार अधिकारियों ने निरीक्षण किया, या तो माफिया को पहले ही जानकारी दे दी गई या फिर कार्रवाई के डर से अवैध खनन कुछ दिनों के लिए रोक दिया गया, इसके बाद से खनिज विभाग ने वहाँ न तो निरीक्षण किया और न ही दोषियों पर कार्रवाई की।
कोसमघाट के पहाड़ पर भी माफिया की नजर
गौर के समीपी ग्राम कोसमघाट मेेंं भी कुछ समय पहले खनिज माफिया सक्रिय था। जिस पहाड़ी का आधा हिस्सा आर्मी लैंड का है और आधे पर वन विभाग का दावा है उसकी भूमि को धीरे-धीरे हजम किया जा रहा है, अब तक यहाँ से भी सैकड़ों डम्पर मुरुम और अन्य खनिज की लूट की गई। यह कार्य वर्ष 2020 से चल रहा है। खनिज विभाग यह तक पता नहीं कर पाया कि अवैध उत्खनन कौन कर रहा था।
गांधीग्राम में भी हो रहा अवैध उत्खनन| पनागर से थोड़ा आगे गांधीग्राम में भी आयरनओर का जमकर अवैध उत्खनन किया जा रहा है। कुछ समय पहले यहाँ लगे पलाश के वृक्षों का भी कत्लेआम कर पूरी भूमि और पहाड़ी को समतल कर दिया गया है। पूर्व में यहाँ कई बार कार्रवाई की गई लेकिन इसके बाद खनिज विभाग ने आँखें बंद कर लीं।