जिस राशन दुकान में पकड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा अब उसे ही जारी कर दिया एक्स्ट्रा अलॉटमेंट
न दुकान सस्पेंड हुई, न एफआईआर दर्ज कराई, अब प्रोत्साहित करने अलग से दे दिया 10 हजार किलो अनाज
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
लाख प्रयासों के बाद भी राशन दुकानों का फर्जीवाड़ा रुक नहीं रहा है। एक तरफ दुकान संचालक राशन के अनाज का बंदरबाँट कर रहे हैं और कालाबाजारी के जरिए जमकर मुनाफा कमा रहे हैं। दूसरी तरफ उन पर कार्रवाई न करते हुए अलग से अनाज का स्टॉक दिया जा रहा है। इस तरह उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। होना तो यह चाहिए कि ऐसी दुकानों को तत्काल सस्पेंड करते हुए दूसरी दुकान का आवंटन किया जाए, ताकि महिला समूह या कोई ईमानदार गरीबों को अनाज का वितरण करे। ऐंठाखेड़ा में भी ऐसा ही हुआ। यहाँ हजारों किलो अनाज का फर्जीवाड़ा किया गया था लेकिन दुकान संचालक का कुछ नहीं किया गया, बल्कि अब एक्स्ट्रा अलॉटमेंट जारी कर दिया गया।
कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन के निर्देश पर पिछले दिनों एसडीएम पीके सेनगुप्ता ने टीम के साथ चरगवाँ रोड पर छापेमार कार्रवाई कर राष्ट्रीय उपभोक्ता भंडार की दुकान को सील किया था। इसके बाद एक जाँच दल ने दूसरे दिन वहाँ कार्रवाई की थी। इस दल में खुद जिला आपूर्ति नियंत्रक कमलेश टांडेकर, सहायक आपूर्ति अधिकारी संजय खरे, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संजीव अग्रवाल तथा सीमा बौरसिया शामिल थे। जाँच के लिए दुकान की सील खोली गई, तो पता चला था कि स्टाॅक में 45.23 क्विंटल चावल, 78.57 क्विंटल गेहूँ, 2.44 क्विंटल नमक, 15 किलो शक्कर कम पाई गई, जबकि 82 किलो मूँग अधिक पाई गई थी। तब विक्रेता के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था लेकिन उसके बाद न तो एफआईआर दर्ज कराई गई और न ही दुकान को सस्पेंड किया गया। अब पता चला है कि दुकान में नियमित अलॉटमेंट की जगह एक्स्ट्रा अलॉटमेंट के जरिए 61 क्विंटल 93 किलो चावल और 51 क्विंटल 29 किलो गेहूँ का आवंटन कर दिया गया।
बाकी कह रहे हमारे ऊपर क्यों गाज गिराई
अब जिन राशन दुकान संचालकों के ऊपर पुलिस कार्रवाई कराई गई और दुकानों का लाइसेंस निरस्त किया गया, वे भी खाद्य विभाग के चक्कर काट रहे हैं और अधिकारियों को दोष दे रहे हैं कि आखिर कुछ दुकानों को क्यों खुली छूट दी जा रही है। इसी दुकान संचालक की एक दुकान परासिया में भी है, उसकी भी शिकायत की गई थी लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं की गई।