जबलपुर: झाड़ियों में फेंक दिए गए लाखों के अस्थाई शौचालय
बाजार क्षेत्र और विशेष अवसरों पर नहीं हो पा रहा उपयोग, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
शहर को स्वच्छ रखने के लिए नगर निगम ने लाखों रुपए खर्च कर एक हजार से अधिक अस्थाई शौचालय खरीदे थे। इन अस्थाई शौचालयों काे बाजार क्षेत्र, कॉलोनियों और विशेष अवसरों पर उपयोग किया जाना था, ताकि शहर स्वच्छ रह सके लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने अधिकांश अस्थाई शौचालय झाड़ियों और कचरे के ढेर में फिंकवा दिए हैं, धीरे-धीरे अस्थाई शौचालय खराब हो रहे हैं।
जानकारों का कहना है, कि स्वच्छता अभियान के तहत नगर निगम ने एक हजार से अधिक अस्थाई शौचालय खरीदे थे। अस्थाई शौचालयों को शहर के बाजार क्षेत्र और कॉलोनियों के उन स्थानों पर रखा जाना था, जहाँ पर शौचालय और टॉयलेट नहीं हैं। इसके साथ ही अस्थाई शौचालयों का उपयोग विशेष अवसरों यानी सभा, सामाजिक और धार्मिक आयोजन के दौरान किया जाना था, ताकि आम नागरिकों को सुविधा मिल सके। धीरे-धीरे कर नगर निगम के अधिकारियों ने अस्थाई शौचालयों को कचरे और झाड़ियों में फेंकना शुरू कर दिया। अब हालत यह है कि अस्थाई शौचालय खराब हो रहे हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है।
कई लावारिस पड़े हैं अस्थाई शौचालय
शहर के कई स्थानों पर अस्थाई शौचालय लावारिस हालत में पड़े हुए हैं। लंबे समय से गौरीघाट उद्यान, दमोहनाका, नेहरू उद्यान के बाजू में स्काउट ग्राउंड, राँझी, सुहागी और क्षेत्रीय बस स्टैंड में बड़ी संख्या में अस्थाई शौचालय रखे हुए हैं, लेकिन कोई भी देखने वाला नहीं है।
अस्थाई शौचालय का समय-समय पर उपयोग किया जाता है। जिन जगहों पर अस्थाई शौचालयों को रखा गया है, वहाँ पर बारिश के कारण घास-फूस उग आई है। जल्द ही उन स्थलों की सफाई कराई जाएगी।
-भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम
स्वच्छता अभियान में भी नहीं कर रहे उपयोग
स्वच्छता अभियान के दौरान दिल्ली से आने वाली सर्वे टीम देखती है कि शहर में नागरिकों के लिए क्या-क्या सुविधाएँ हैं। शहर को स्वच्छ रखने के लिए कितने संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम के अधिकारियों ने पिछले दो साल से शहर के प्रमुख स्थलों पर अस्थाई शौचालय नहीं रखवाए। इसके कारण पिछले साल शहर स्वच्छता रैंकिंग में 21वें स्थान पर पहुँच गया है। इस साल भी स्वच्छता सर्वेक्षण हो चुका है, लेकिन किसी भी जगह पर अस्थाई शौचालय नहीं रखवाए गए।