जबलपुर: टेलीकाॅम के अर्बन फाॅरेस्ट का फिर से किया जाए सर्वे

  • उपभोक्ता मंच ने कहा नए सर्वे में ग्रीन बेल्ट घोषित हो सकता है
  • सर्वे के आधार पर नए मास्टर प्लान में वहाँ ग्रीन बेल्ट घोषित किया जाए।
  • जब अंतिम मास्टर प्लान की समय सीमा वर्ष 2021 में समाप्त हुई थी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-28 13:32 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मास्टर प्लान के जीआईएस सर्वे में टेलीकाॅम फैक्ट्री भूमि के अर्बन फाॅरेस्ट की अनदेखी की गई। इस लोकेशन का दोबारा जीआईएस सर्वे होना चाहिए। इसको लेकर पहले भी विभिन्न संगठनों ने आक्रोश जताया था।

जबलपुर के नए मास्टर प्लान (वर्ष 2041 तक) के लिए जीआईएस सर्वे किया गया है, उसमें टेलीकाॅम फैक्ट्री भृूमि का तो उल्लेख है, लेकिन वहाँ पर निर्मित 18-20 हजार पेड़ों के अर्बन फाॅरेस्ट काे महत्व नहीं दिया गया।

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने कहा इसके लिए दोबारा सर्वे किया जाना जरूरी है। इसका मूल उद्देश्य यही है कि भूमि को हरियाली क्षेत्र घोषित कर दिया जाए। सर्वे से अर्बन फॉरेस्ट की सच्चाई सामने आएगी।

सर्वे के आधार पर नए मास्टर प्लान में वहाँ ग्रीन बेल्ट घोषित किया जाए। मंच के डॉ. पी.जी. नाजपांडे ने बताया कि जबलपुर में अब तक तीन मास्टर प्लान आ चुके हैं। इन तीनों मास्टर प्लान में टेलीकाॅम फैक्ट्री भूमि पर निर्मित अर्बन फाॅरेस्ट को महत्व नहीं दिया गया, उसकी अनदेखी आगे नहीं होनी चाहिए।

जब अंतिम मास्टर प्लान की समय सीमा वर्ष 2021 में समाप्त हुई थी, तब वहाँ पर निर्मित अद्भुत हरियाली स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी। डॉ. नाजपांडे ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर इसको लेकर अलग- अलग माँगें भी की जा चुकी हैं।

बैठक का आयोजन - मंच ने इसकाे लेकर एक बैठक की, जिसमें रजत भार्गव, वेदप्रकाश अधौलिया, सुशीला कनौजिया, टी.के. राय घटक, डी.के. सिंग, जी.पी. विश्वकर्मा, सतीश राय, सुभाष चंद्रा, संतोष श्रीवास्तव, पी.एस. राजपूत, डी.आर. लखेरा, के.सी. सोनी, पी.के. कमलाकर, एच.के. विश्वकर्मा, आदि उपस्थित थे।

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