जबलपुर: नये मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट घोषित हो टेलीकाॅम फैक्ट्री की भूमि

  • ताकि कोई कमर्शियल या रेसिडेंशियल उपयोग कर हरियाली को चौपट न कर सके, इसी से मध्य हिस्से में ऑक्सीजन बेहतर बनी रहेगी
  • पेड़ कटने के साथ ही इस एरिया में वायु की गुणवत्ता खराब हो जाएगी और कांक्रीट का नया जंगल पैदा हो जाएगा।
  • नये मास्टर प्लान को जल्द लाकर इसमें फैक्ट्री की भूमि को शामिल किया जाना चाहिए।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-13 13:16 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रानीताल टेलीकाॅम फैक्ट्री की 70 एकड़ जमीन को बेचने के निर्णय का लोग विरोध कर रहे हैं। लोगों कहना है कि शहर में हरियाली को बचाने का अब यही विकल्प है कि टेलीकॉम फैक्ट्री की इस जमीन को नये मास्टर प्लान में जल्द से जल्द ग्रीन बेल्ट घोषित कर दिया जाए।

यदि ऐसा कर दिया जाता है तो इस फैक्ट्री की भूमि को बेचने की जो प्रक्रिया चल रही है उसमें यह तय हो जाएगा कि इसका कम से कम ऐसा उपयोग नहीं होगा कि इसके पेड़ों को काट दिया जाएगा।

पेड़ कटने के साथ ही इस एरिया में वायु की गुणवत्ता खराब हो जाएगी और कांक्रीट का नया जंगल पैदा हो जाएगा। नये मास्टर प्लान को जल्द लाकर इसमें फैक्ट्री की भूमि को शामिल किया जाना चाहिए।

कांग्रेस पार्षद दल ने कहा- ननि सदन प्रस्ताव भेजे

कांग्रेस पार्षद दल ने फैक्ट्री की भूमि को बेचने के निर्णय का विरोध किया है। नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा ने कहा कि पार्षद दल भूमि बेचने के निर्णय का पुरजोर विरोध करता है। सरकार लोगों को पेड़ लगाने के लिये जागरूकता अभियान चलाती है, वहीं शहर के बीचों-बीच हरियाली को मिटाने आमादा है।

कांग्रेस पार्षद दल ने ये निर्णय लिया है कि जल्द से जल्द राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा, सुमित्रा वाल्मिकी, नवनिर्वाचित सांसद आशीष दुबे से मिलकर भूमि को न बेचा जाए इसके लिए ज्ञापन सौंपेगा। केन्द्र सरकार पर दबाव बनाकर पीएनटी की संपत्ति को बेचने का निर्णय दूरसंचार विभाग द्वारा वापस कराया जाए। नगर निगम सदन में भी दलगत भावना से ऊपर उठकर सदन से एक प्रस्ताव बनाकर केन्द्र और राज्य सरकार के पास भेजने की माँग की जाएगी।

उप नेता प्रतिपक्ष शगुफ्ता गुड्डू नबी, सचेतक अयोध्या तिवारी, शेखर सोनी, वकील अहमद अंसारी, संतोष दुबे पंडा, रितु राजेश, मुकीबा याकुब अंसारी, जितेन्द्र सिंह ठाकुर, अदिति अतुल बाजपेयी, गुलाम हुसैन, गुड्डू तामसेतवार, अख्तर अंसारी, पार्षद राजकुमार यादव, सत्येन्द्र चौबे, मथुरा चौधरी, मनीष पटेल, हर्षित यादव, अनुपम जैन, पार्षद प्रमोद पटेल, मो. कलीम खान, लक्ष्मी लखन गोटिया, एकता राहुल गुप्ता, विनोद लोधी, तुलसा लखन प्रजापति, अमर रजक, मो. शफीक हीरा आदि ने कहा कि इस भूमि को हर हाल में बिकने से रोकना होगा।

नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं समाजसेवी डॉ. पवन स्थापक कहते हैं कि रानीताल टेलीकाॅम फैक्ट्री की इस हरियाली से भरी भूमि का वाजिब और शहर हित में उपयोग यही है कि इसमें इंटरनेशनल स्टेडियम बना दिया जाए।

इंटरनेशनल स्टेडियम बनने में मानकों के अनुसार 13 एकड़ भूमि का उपयोग होता है। शेष भूमि जो स्टेडियम बनाने के बाद यहाँ पर बचेगी उसका उपयोग एक बड़े पार्क को बनाने में किया जा सकता है। डॉ. स्थापक ने कहा कि दिल्ली में लोधी पार्क बना, मेट्रो शहरों में बड़े-बड़े पार्क बने हैं जिससे इन शहरों में कुछ हिस्सों में अब भी हरियाली है, जबलपुर में कम से कम अब पहल होना चाहिए।

यदि इस भूमि में लगे पेड़ों को काट दिया गया तो शहर की बहुत बड़ी आबादी का अहित होगा और शहर के बीच रहना मुश्किलों से भरा होगा। हमने कोविड के दौरान ऑक्सीजन क्या होती है यह भली-भांति जाना है। कम से कम उसके बाद तो ऐसी हरित पट्टी को मिटाने के विषय में सोचना तक नहीं चाहिए।

डॉ. स्थापक ने कहा कि फैक्ट्री के पेड़ों में जैव विविधता है, पक्षियों की आवाज सुबह सुनी जा सकती है, हर तरह से यह एरिया प्रकृति के करीब होने का अहसास दिलाता है। किसी भी तरह से हर हाल में इस भूमि पर लगे पेड़ों काे कटना नहीं चाहिए और भूमि संरक्षित होना जरूरी है।

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