जबलपुर: मूल्यांकन में जुटे शिक्षकों को निर्वाचन ड्यूटी से दूर रखा जाए

  • शिक्षा विभाग ने दिए कलेक्टर को निर्देश
  • अगर शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगेगी तो मूल्यांकन के कार्य पर इसका असर पड़ेगा।
  • बोर्ड परीक्षा में लगभग 19 लाख परीक्षार्थी सम्मिलित हुए हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-19 11:20 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी परीक्षा के मूल्यांकन के बीच आचार संहिता लागू होने से परीक्षा परिणाम में लेटलतीफी के आसार बन सकते हैं। यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने कलेक्टर को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि जिन शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में लगाया गया है उनकी ड्यूटी निर्वाचन से जुड़े कार्यों में न लगाई जाए।

शिक्षा विभाग ने अपने पत्र में हवाला दिया है कि बोर्ड परीक्षा में लगभग 19 लाख परीक्षार्थी सम्मिलित हुए हैं। जिनकी लगभग 1 करोड़ 25 लाख उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य किया जा रहा है।

मंडल की प्लानिंग है कि इस बार नतीजे शीघ्रता से घोषित किए जाएँ। इसके लिए जरूरी है कि मूल्यांकन में लगे शिक्षकों की संख्या में और बढ़ोत्तरी की जाए। लेकिन लोक सभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों की ड्यूटी भी इसमें लगाई जाती है।

लिहाजा मूल्यांकन में लगे स्टॉफ को चुनाव ड्यूटी से पृथक रखा जाए। जबलपुर में ढाई से तीन लाख काॅपियाँ दूसरे जिले से आई हैं जिनका मूल्यांकन एमएलबी स्कूल में चल रहा है। परिणाम जल्द घोषित करने के लिए छुट्टी के दिनों में भी मूल्यांकन कराया जा रहा है।

ऐसे में अगर शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगेगी तो मूल्यांकन के कार्य पर इसका असर पड़ेगा।

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