जबलपुर: ड्रोन से रखी जाएगी जंगल में निगरानी हर घटना में अब होगा क्विक एक्शन

  • अग्नि हादसों और शिकार की घटनाओं को रोकने के लिए जबलपुर वन मंडल में नया प्रयोग
  • वन रक्षकों के मोबाइल पर फायर अलर्ट एप अपलोड किया जा रहा है।
  • ड्रोन के जरिए आग फैलने की दिशा का पता चलेगा और कम समय में इसकी रोकथाम होगी।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-08 13:46 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जंगलों में होने वाले अग्नि हादसे और वन्य प्राणियों के शिकार की घटनाओं को रोकने के लिए अब वन विभाग भी हाईटेक तरीके से काम करेगा। इसके लिए ड्रोन के जरिए जंगलों में पेट्रोलिंग करके निगरानी रखी जाएगी और हर घटना के बाद क्विक एक्शन होगा।

जबलपुर वन मंडल में इसका प्रयोग शुरू कर दिया गया है, शुरुआती दौर में ही काफी अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। वन विभाग का मानना है कि इस नई व्यवस्था से जंगलों की सेफ्टी के साथ वन्य प्राणियों के जनजीवन से जुड़ीं नई जानकारियाँ भी सामने आएँगी।

सबसे ज्यादा फायदा अग्नि हादसों के दौरान होगा क्योंकि ड्रोन के जरिए आग फैलने की दिशा का पता चलेगा और कम समय में इसकी रोकथाम होगी।

अग्नि हादसों के साथ वन्य प्राणियों व जंगलों में होने वाली अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए ड्रोन से पेट्रोलिंग कराई जाएगी। हर घटना में तत्काल कार्रवाई करने के लिए टीमों को मुस्तैद रहने के लिए निर्देशित किया गया है।

- ऋषि मिश्र, डीएफओ

मोबाइल में होगा फायर अलर्ट

वनमंडल की सभी रेंजों में काम करने वाले अधिकारी और वन रक्षकों के मोबाइल पर फायर अलर्ट एप अपलोड किया जा रहा है। एप के माध्यम से जिले भर के कर्मचारियों को आग लगने की जानकारी मिल जाएगी और जो टीम पास होगी वो मौके पर पहुँच सकेगी।

वनरक्षकों के पास लीप ब्लोअर, फायर बीटर जैसी मशीनें भी रहेंगी, जिससे तत्काल फायर लाइन काटकर आग को बढ़ने से रोक दिया जाएगा।

फायर लाइन कम्प्लीट, जलस्रोत साफ

गर्मी बढ़ने के साथ जंगलों में आग लगने के खतरे और वन्य प्राणियों के लिए जलस्रोतों को लेकर वनमंडल की सभी रेंजों में काम पूरा कर लिया गया। पिछले पाँच साल के दौरान जिन जगहों से आग लगने की घटनाएँ हुई थीं, उन्हें चिन्हित करके फायर लाइन बना दी गई हैं।

इसके अलावा जंगली नालों और तालाबों में भी साफ-सफाई के साथ वहाँ पानी पहुँचाने का काम पूरा हो गया है।

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