जबलपुर: मुसीबत बने स्ट्रीट डॉग्स, रोज घायल हो रहे आधा सैकड़ा लोग
मुख्य मार्गों से लेकर गली-मोहल्लों तक में बढ़ा खतरा, पकड़ने के लिए नहीं हो रही कोई कार्रवाई, लोग भयभीत
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
शहरभर में स्ट्रीट डॉग्स का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालात ये हैं कि मुख्य मार्गों गली-मोहल्लों से लेकर पॉश कॉलोनियों तक में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। ये आवारा श्वान बच्चों, महिलाओं और अन्य राहगीरों को अपना निशाना बना रहे हैं। शाम ढलते ही दो-पहिया वाहनों में गुजर रहे लोगों का पीछा कर उनके गिरने का सबब भी आवारा श्वान ही बन रहे हैं। जिला अस्पताल में इनके काटे जाने के रोजाना आधा सैकड़ा मामले सामने आ रहे हैं।
6 माह से बंद है आबादी नियंत्रण की मुहिम
नगर निगम सीमा क्षेत्र में आवारा श्वानों का बधियाकरण नगर निगम द्वारा किया जाता है। लेकिन करीब 6 माह पूर्व एनिमल वेलफेयर बोर्ड नई दिल्ली द्वारा नए टेंडर किए जाने तक बधियाकरण पर रोक लगा दी गई है। यही वजह है कि नगर निगम द्वारा श्वानों का बधियाकरण पूरी तरह से बंद है।
इन इलाकों में है सर्वाधिक आतंक
आवारा श्वानों का सर्वाधिक आतंक शहर के हनुमानताल स्थित खेरमाई वार्ड अनवरगंज, दीनानाथ क्रॉसिंग, रद्दी चौकी, अधारताल तिराहा, गोकलपुर, सिविक सेंटर, सतपुला, कांचघर, बल्देवबाग चौक रोड, त्रिमूर्ति नगर, शांतिनगर, आईएसबीटी, उखरी तिराहा एवं सिविल लाइन आदि इलाकों में लगातार बना हुआ है। इन क्षेत्रों में रोजाना दर्जनों श्वान झुंड बनाकर बैठे रहते हैं और जैसे ही कोई गुजरता है तो डाग हमला कर देते हैं।
एन्टी-रैबीज लगवाने वालों की भीड़
लोगों का कहना है कि डॉगों के काटने और नोंचने से घायल हुए करीब 50 से 40 मरीज रोजाना विक्टोरिया अस्पताल में एन्टी-रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुँच रहे हैं। इसके अलावा नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग भी अपनी तरफ से एन्टी-रैबीज लगा रहा है।
बधियाकरण बंद है और इस दौरान पीड़ितों का वैक्सीनेशन ही कराया जा रहा है। संबंधित निर्देशों के अनुसार टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और अनुमति के लिए प्रतिवेदन भी भेजा गया है। जैसे ही अनुमति मिलेगी तो बधियाकरण शुरू कर दिया जाएगा।
भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी, ननि