जबलपुर: ढाई साल के बच्चे के इलाज का भुगतान करने से स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने किया इनकार
सारे दस्तावेज देने के बाद कहा गया कि घर पर कराना था उपचार
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
बीमा कंपनी दावा करती है कि हम 24 घंटे पॉलिसीधारकों को सेवाएँ देते हैं। बीमित को जब अस्पताल में इलाज की आवश्यकता होती है तो बीमा अधिकारी कैशलेस करने से इनकार कर देते हैं और जब बिल सबमिट किया जाता है तो अनेक प्रकार की खामियाँ निकालकर गोलमाल कर दिया जाता है। पीड़ित परेशान होकर न्याय की गुहार लगाने के लिए न्यायालय की शरण में जा रहे हैं। ऐसी ही शिकायत मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी रहमान खान ने देते हुए कहा कि बेटे अली हसन खान ढाई वर्ष का स्वास्थ्य खराब हो गया था। बुखार नहीं उतर रहा था। बुखार नहीं उतरने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इलाज के दौरान खुलासा हुआ कि बेटे को टाइफाइड हो गया है और उसका पाँच दिनों तक निजी अस्पताल में इलाज चला। इलाज के दौरान बीमा कंपनी ने कैशलेस नहीं किया और बिल सबमिट करने पर पॉलिसी क्रमांक पी/201114/01/2024/001740 के बिलों में अनेक प्रकार की क्वेरी निकाली गईं जो बीमित ने अस्पताल से सत्यापित कराकर दी। सत्यापन के बाद बीमा कंपनी स्टार हेल्थ ने यह कहते हुए क्लेम खारिज कर दिया कि बीमित को अस्पताल में इलाज की जरूरत नहीं थी, बल्कि घर पर इलाज कराना था। बीमित का आरोप है कि तीन साल पुरानी पॉलिसी में भी बीमा कंपनी के द्वारा गोलमाल किया गया है।
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