जबलपुर: स्मार्ट बिजली मीटर चलता नहीं भागता और दौड़ता है, कैसे भरेंगे बिजली बिल

  • पहले सरकारी दफ्तरों में लगना था, यहाँ गरीबों के घरों में ठोक रहे, देश में कई जगह हो रहे आंदोलन
  • जानकारों का कहना है कि बिजली कम्पनी ने अपने भले के लिए स्मार्ट मीटर का ईजाद कराया।
  • बिजली उपभोक्ता खूंटे से बंधी वो गाय है जिसे बिजली कम्पनी अपनी मर्जी से दूह रही है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-15 13:48 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर में बिजली कम्पनी ने स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत में ही ऐसी तेजी दिखाई है िक अब तक हजारों की संख्या में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। देश के कई राज्यों में स्मार्ट मीटर का भारी विरोध हो रहा है और जनता सड़कों पर आ गई है।

ये मीटर चलते नहीं दौड़ते और भागते हैं। जिन घरों में जितनी यूनिट बिजली एक सप्ताह में खपत होती थी वहाँ उतनी बिजली मात्र कुछ घंटों या एक-दो दिन में ही खर्च हाे गई। इसे देखकर लोग भारी आक्रोश में हैं और अब विरोध बढ़ रहा है।

जानकारों का कहना है कि बिजली कम्पनी ने अपने भले के लिए स्मार्ट मीटर का ईजाद कराया। कहा जाता है कि इसमें बिजली की वास्तविक खपत दिखाई जाती है तो इसका सीधा सा मतलब है कि इसके पहले जो मीटर थे वे धोखा दे रहे थे और यदि ऐसा है तो बिजली कम्पनी पर आम जनता को धोखा देने का मामला दर्ज होना चाहिए।

बिजली उपभोक्ता खूंटे से बंधी वो गाय है जिसे बिजली कम्पनी अपनी मर्जी से दूह रही है। स्मार्ट मीटर का विरोध महाराष्ट्र, गुजरात और अन्य प्रदेशों में शुरू हो गया है और जनता सड़क पर आकर गुस्सा निकाल रही है। यहाँ भी लोग परेशान हैं लेकिन

जिस दिन वे विरोध करेेंगे तो बिजली कम्पनी को लेने के देने पड़ जाएँगे।

10 केवी और अधिक भार वालों के लिए थे स्मार्ट मीटर

जानकारों का कहना है कि स्मार्ट मीटर 10 किलो वाट और उससे अधिक भार क्षमता वाली संस्थानों के लिए था लेकिन बाद में इसे सभी जगह लगाने का निर्णय लिया गया। ऐसा करते समय आम गरीब उपभोक्ताओं की तरफ ध्यान ही नहीं दिया गया।

वर्ष 2022 में शहर के कई संस्थानों में स्मार्ट मीटर लगे थे और लगते ही वे जलने भी लगे थे। अब यह डर आम घरों में भी हो गया कि कहीं स्मार्ट मीटर आग न पकड़ ले।

सरकारी कार्यालयों में क्यों नहीं लगाए

बिजली कम्पनी का दोहरा रवैया इससे भी जाहिर होता है कि सबसे पहले कहा गया था कि स्मार्ट मीटर पहले सरकारी दफ्तरों में भी लगाए जाएँगे लेकिन ऐसा नहीं किया गया, बल्कि गरीबों के झोपड़ों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। गरीब इस दिक्कत में हैं कि वे जब अभी कम राशि नहीं चुका पाते थे तो अब भारी भरकम रकम कहाँ से देंगे।

दायरे से बाहर हो जाएँगे गरीब

जिन गरीबों को अभी तक सब्सिडी मिलती थी अब वे शायद इससे बाहर हो जाएँ क्यांेकि स्मार्ट मीटर इतना तेज चलता है कि दो बल्ब और एकाध पंखे वाले घरों का बिजली बिल भी 500 से हजार रुपए आएगा।

वर्तमान में 150 यूनिट तक बिजली की खपत करने वालों को विशेष छूट मिल रही है लेकिन स्मार्ट मीटर से छोटे से छोटा घर भी 200 यूनिट की खपत के पार चला जाएगा।

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