एयरलाइंस को नोटिस: एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइस जेट व आकाशा एयरलाइंस को ई-मेल के जरिए भेजें नोटिस

  • हाई कोर्ट ने वायुसेवा संबंधी जनहित याचिका पर दिए निर्देश
  • जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी प्रदेश इंदौर, ग्वालियर तथा भोपाल के सामान थी।
  • हाई कोर्ट के निर्देश पर एयरलाइंस कंपनियों को भी पक्षकार बना लिया गया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-24 10:41 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने चार एयरलाइंस कंपनियों एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइस जेट व आकाशा एयरलाइंस को ई-मेल के माध्यम से नोटिस भेजने के निर्देश दिए हैं। पूर्व निर्देश के पालन में उक्त विमान कंपनियों को जनहित याचिका में आवश्यक पक्षकार बनाया गया।

एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 27 जुलाई को निर्धारित की है। गौरतलब है कि  हवाई सेवाओं की अनिश्चितता को लेकर भेदभाव का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में कम फ्लाइट होना जबलपुर के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का हनन है।

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि मध्य प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में कम फ्लाइट हैं। पूर्व में जबलपुर से मुम्बई, पुणे, कोलकाता, बेंगलुरु आदि शहरों के लिए फ्लाइट संचालित होती थीं।

जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी प्रदेश इंदौर, ग्वालियर तथा भोपाल के सामान थी। लेकिन लगातार इनके बंद होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में जबलपुर से औसतन 15 फ्लाइट संचालित होती थीं।

वर्तमान में घटकर इनकी संख्या महज पाँच हो गई है। जिससे जबलपुर का विकास अवरुद्ध हो रहा है। जनहित याचिका में प्रारंभिक रूप से केन्द्रीय उड्डयन विभाग, डायरेक्टर-जनरल ऑफ सिविल एविएशन तथा एयरपोर्ट अथाॅरिटी ऑफ इंडिया को अनावेदक बनाया गया था। हाई कोर्ट के निर्देश पर एयरलाइंस कंपनियों को भी पक्षकार बना लिया गया है।

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