जबलपुर: साप्ताहिक नहीं, महीने में हो वेतन का भुगतान

  • उच्च शिक्षा विभाग ने बिना किसी विज्ञापन जारी किए किसी तरह की भर्ती नहीं करने के निर्देश दिए हुए हैं
  • रादुविवि में माली, चौकीदारी, सफाई के लिए श्रमिकों की नियुक्ति की गई है।
  • विश्वविद्यालय प्रशासन ने साप्ताहिक श्रमिकों की जरूरत के हिसाब से नियुक्ति की थी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-21 10:31 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में दिहाड़ी पर कार्यरत श्रमिकों को पहले हर महीने वेतन दिया जाता था। वहीं अब साप्ताहिक रूप से भुगतान किया जा रहा है। इस मामले में उन्होंने आपत्ति जताते हुए हर माह पहले की तरह ही वेतन भुगतान की माँग की है और उच्च शिक्षा विभाग की क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक को मौखिक रूप से शिकायत की है। वहीं जब इस मामले में लिखित में उनसे शिकायत माँगी गई तो उन्होंने लिखित में आवेदन नहीं दिया।

रादुविवि में माली, चौकीदारी, सफाई के लिए श्रमिकों की नियुक्ति की गई है। अभी लगभग 75 दैनिक श्रमिक कार्यरत हैं। पहले प्रशासन इन्हें मासिक वेतन देता था। अब व्यवस्था बदल दी गई है और वेतन का भुगतान सप्ताहवार किया जाता है।

इस बात को लेकर श्रमिकों ने आपत्ति की है। उनका कहना है कि उनका भुगतान मासिक ही किया जाए। इधर क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक ने बताया कि श्रमिक उनके पास शिकायत लेकर आए थे, लेकिन जब उनसे लिखित में जानकारी चाही गई तो कर्मचारी नहीं आए।

इधर कुलसचिव डाॅ.दीपेश मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने साप्ताहिक श्रमिकों की जरूरत के हिसाब से नियुक्ति की थी, जिन्हें सप्ताह में ही भुगतान होना चाहिए। पहले सप्ताह के हिसाब से मासिक भुगतान किया जाता था, अब सप्ताह में ही भुगतान किया जाता है। कानूनी रूप से कोई समस्या बाद में न पैदा हो, इसलिए ऐसा हो रहा है।

नियमितीकरण का खेल

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में नियमित होने के लिए बैकडोर से दैनिक श्रमिक में पहले भर्ती की जाती है। सालों कार्य करने के बाद कर्मचारी मासिक वेतन भुगतान को ही आधार बनाकर नियमित करने की माँग उठाते हैं।

पिछले कई सालों में ऐसे कई प्रकरण सामने आए, जिस वजह से प्रशासन को वित्तीय भार उठाना पड़ा। 2008, 2011 के अलावा 2013 और 2016 के बाद तक कई कर्मचारियों को सिर्फ इसी आधार पर प्रशासन को नियमित करना पड़ा है।

जबकि उच्च शिक्षा विभाग ने बिना किसी विज्ञापन जारी किए किसी तरह की भर्ती नहीं करने के निर्देश दिए हुए हैं, यही कारण है कि इस मामले में विवि पूरी तरह सावधानी बरत रहा है।

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