जबलपुर: चुनावी घोषणाओं के चलते राजस्व वसूली का रिकाॅर्ड बिगड़ा, बिजली का बिल जमा करने वाले हुए कम
कई हजार उपभोक्ताओं के बिल हुए स्थगित, दूसरे लोग भी जमा करने से कतरा रहे
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
चुनावी वादों के चलते पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी का राजस्व वसूली रिकाॅर्ड बिगड़ गया है। माफी की आस में कई उपभोक्ता बिजली बिल जमा करने से कतरा रहे हैं। इसके कारण बिजली कंपनी को करोड़ों रुपये का झटका लगा है। बताया जाता है कि बिजली बिलों के जमा करने वालों में करीब 20-25 फीसदी की कमी आई है।
बताया जाता है कि बिजली कंपनी द्वारा लोगों के घरों की बिल वसूली पर सख्ती को रोक दिया गया है। चुनावी आचार संहिता लगने से ठीक पहले सरकार द्वारा सितंबर तक के बिल स्थगित करने की घोषणा कर दी गई थी। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को इस घोषणा के साथ ही शहर में लगभग कई हजार उपभोक्ताओं के बिल स्थगित करने पड़े। इसके बाद नए सिरे से बिल जारी करने की प्रक्रिया शुरू हुई। अक्टूबर के बाद ताजा बिजली खपत के बिल जारी किए गए हैं। बिल भी चुकाने से तमाम उपभोक्ता परहेज कर रहे हैं। जबलपुर शहर में हर महीने एलटी और एचटी कनेक्शनों का करीब 70 से 75 करोड़ रुपए का बिल कलेक्शन होता है।
एक किलोवॉट के उपभोक्ताओं के बिल स्थगित
बताया जाता है कि सरकार की घोषणा के बाद शहर में 50 हजार से अधिक लोगों के बिल स्थगित हुए हैं। इन लोगों को अक्टूबर से नए बिल जारी नहीं किए गए हैं। ये सब एक किलाेवॉट के छोटे उपभोक्ता हैं। बताया जाता है कि बिल कलेक्शन में फिलहाल ज्यादा तो नहीं, लेकिन करीब 20 प्रतिशत की कमी दिख रही है। बताया जाता है कि जबलपुर में ही करीब 30 करोड़ रुपए से अधिक के बिल बट्टे खाते में चले गए हैं।
नहीं चुकाने वालों को लाभ
हर चुनाव से पहले या तो बिजली बिल स्थगित होते हैं या माफी की घोषणा होती है। सरकार ने इस बार पुराने बिल स्थगित किए। ऐसे में उन उपभोक्ताओं को लाभ मिला जिन्होंने पहले नियमित बिल नहीं चुकाए थे। इस साल चुनाव में सस्ती बिजली बड़ा मुद्दा है। ऐसे में अब कई उपभोक्ता जो पहले नियमित बिल चुकाते थे, उन्हें लग रहा है कि उनका ईमानदार होना उन्हें लाभ नहीं दिलवा सका। लिहाजा वे आगे बिल माफी की उम्मीद में बिल भरने से गुरेज कर रहे हैं। इसी के साथ जिनके बिल माफ हुए, वे भी नियमित बिल नहीं भर रहे। आगे उन्हें और भी माफी की उम्मीद है।
वहीं विधान सभा चुनाव होने से वसूली अभियान बिजली कंपनी ने रोक दिया है। इन उपभोक्ताओं को अब दिए जा रहे कम राशि के बिल भी पूरी तरह जमा नहीं हो रहे हैं।