महिला स्व-सहायता समूहों पर जताया भरोसा, 195 दुकानें विक्रेता विहीन
प्रस्ताव बुलाए तो 157 आवेदन आए लेकिन 26 ने एफडी जमा नहीं की
डिजिटल डेस्क, जबलपुर।
राशन दुकानों के मामले में महिला स्व-सहायता समूहों पर आम लोगों के साथ ही जिला प्रशासन का भरोसा भी बढ़ता जा रहा है। इसके बाद भी जिले के हालात चौंकाने वाले हैं। अभी तक जिले में 195 दुकानें विक्रेता विहीन हैं। इनके जब प्रस्ताव मँगाए गए तो 157 प्रस्ताव आए। इनमें भी 26 ऐसे प्रस्ताव थे जिनमें एफडी जमा नहीं कराई गई जिसके कारण वे फिर खाली रह जाएँगी। इसका मतलब 64 दुकानों को फिर से विक्रेता नहीं मिलेंगे और वहाँ के निवासियों को अनाज के लिए दर-दर भटकना होगा। बताया जाता है कि पिछले दिनों कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने खाद्य अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें राशन दुकान विहीन पंचायतों में दुकानें खुलवाने के निर्देश दिए। जिले में कुल 195 दुकानों में विक्रेता नहीं थे। इसके लिए जब प्रस्ताव मँगाए गए तो केवल 157 प्रस्ताव आए। इसका मतलब 38 में किसी ने रुचि नहीं दिखाई और चयन के बाद भी 26 प्रस्ताव ऐसे रहे जिसमें एफडी जमा नहीं की गई। अधिकारी इस कोशिश में हैं कि महिला स्व-सहायता समूह अधिकतम दुकानों का संचालन करें ताकि लोगों को राहत मिल सके।
इन सबके बाद भी अभी 12 पंचायतें ऐसी हैं जहाँ राशन दुकान हैं ही नहीं, इसके लिए कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने साफ तौर पर कहा कि जल्द ही कोशिश करके इनमें भी दुकानें खोली जाएँ।
लोन देकर युवाओं को वाहन दिलाओ
कलेक्टर ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओ के ई- केवायसी और मोबाइल नंबर सीडिंग में गति लाने के लिए भी अधिकारियों को हिदायत दी थी। उन्होंने अनुविभागीय अधिकारियों को पटवारी के माध्यम से ई-केवायसी और मोबाइल सीडिंग के कार्य की मॉनिटरिंग करने कहा। साथ ही खाद्यान के उठाव एंव वितरण की स्थिति तथा मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के तहत आपूर्ति केन्द्रों से उचित मूल्य दुकानों तक खाद्यान्न पहुँचाने युवाओं को ऋण पर वाहन उपलब्ध कराने के आदेश भी दिए।