जबलपुर: 5 निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन समाप्त, मरीजाें की भर्ती पर रोक
- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय ने जारी किया आदेश
- पंजीयन समाप्त होने के बाद अस्पतालों में नए मरीजों को भर्ती न किया जाए
- वर्ष 2024 में 38 निजी अस्पतालों के पंजीयन का नवीनीकरण होना था
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अस्पताल संचालन के लिए जरूरी दस्तावेज न होने और पंजीयन के नवीनीकरण के लिए आवेदन न करने के बाद जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा 5 निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन समाप्त कर दिया गया है।
सोमवार को इस संबंध में सीएमएचओ कार्यालय से आदेश जारी कर दिया गया। मप्र रूजोपचार गृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएँ अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 की धारा 6(2) के अंतर्गत अलग-अलग कारणों से रजिस्ट्रेशन समाप्त करने की कार्रवाई की गई है।
इसके साथ ही इस बात के निर्देश भी दिए गए हैं कि पंजीयन समाप्त होने के बाद अस्पतालों में नए मरीजों को भर्ती न किया जाए, साथ ही पहले से भर्ती मरीजों को समुचित उपचार देकर डिस्चार्ज किया जाए और इसकी सूचना सीएमएचओ कार्यालय में दी जाए।
शहर में 156 अस्पताल, हर तीन साल में पंजीकरण
स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. आदर्श विश्नोई ने बताया कि शहर में 156 निजी अस्पताल हैं। अस्पताल संचालन के लिए जरूरी पंजीकरण का प्रत्येक तीन वर्ष में नवीनीकरण होता है।
इसके लिए अस्पतालों को विभिन्न दस्तावेज उपलब्ध कराने होते हैं। वर्ष 2024 में 38 निजी अस्पतालों के पंजीयन का नवीनीकरण होना था, इनमें 33 अस्पतालों ने सभी अहर्ताएँ पूरी की हैं, शेष 5 का पंजीयन समाप्त किया गया है।
पूरे मापदंड होने पर ही मिले मान्यता
जबलपुर नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अमरेंद्र पाण्डेय ने कहा कि पूरे मापदंड होने पर ही अस्पतालों को मान्यता दी जानी चाहिए। जिन अस्पतालों पर कार्रवाई हुई है उनमें से ज्यादातर एसोसिएशन से नहीं जुड़े हैं, वहीं एसोसिएशन से जुड़े अस्पतालों को भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार रिमाइंडर लेटर भेजे गए हैं, ताकि समय सीमा के भीतर पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज, एनओसी आदि अपडेट कर ली जाएँ।
प्रत्येक 3 वर्ष में होने वाले पंजीयन नवीनीकरण की अंतिम तिथि 31 मार्च थी। पूर्व में अस्पतालों को रिमाइंडर लेटर भी भेजे गए हैं, ताकि समय से पहले ही रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल करा लें। जिन अस्पतालों ने आवेदन नहीं किया अथवा दस्तावेजों में कमी है, उनका पंजीयन लैप्स हो गया है।
-डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ