खुजलाहट के साथ लाल आँखें, ओपीडी में कंजक्टिवाइटिस के 30 फीसदी मरीज
मेडिकल कॉलेज अस्पताल और विक्टोरिया अस्पताल में मरीजों की लग रही लाइन, एनएचएम ने जारी किए निर्देश
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
बीते कुछ दिनों में जिले में कंजक्टिवाइटिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जबलपुर समेत कई जिलों में हालात ऐसे हैं कि एनएचएम को मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी करने पड़े हैं। जिले की स्थिति यह है कि नेत्र रोग विशेषज्ञों के पास 100 में से 30 मरीज आँखों में संक्रमण लेकर पहुँच रहे हैं। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्ररोग विभाग और जिला अस्पताल विक्टोरिया के नेत्र रोग विभाग में 25 से 30 फीसदी मरीजों में कंजक्टिवाइटिस रिपोर्ट हो रही है। आँखों का लाल और गुलाबी होना, खुजलाहट, पानी आना जैसी अन्य समस्याएँ मरीजों में देखी जा रही हैं। घर-घर में बच्चों से लेकर बड़े इस समस्या की चपेट में हैं। चिकित्सकों का कहना है कि कंजक्टिवाइटिस कुछ मामलों में बेहद संक्रामक हो सकता है और पहले से ही संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से यह फैलता है। बीमारी फैलने का सबसे आम तरीका यह है कि जब संक्रमित लोग बार-बार अपनी आँखों को छूते हैं और अपने हाथों को साफ करना भूल जाते हैं। बारिश के मौसम के इसके मामले ज्यादा देखे जाते हैं। यह वायरस संपर्क या तरल के जरिए फैलता है। इसलिए हाईजीन मेंटेन करना बहुत जरूरी है।
बैक्टीरिया और वायरस, दोनों जिम्मेदार
जिला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण अहरवाल ने बताया कि आँखें आना या पिंक आई, आँखों से जुड़ी एक सामान्य समस्या है। आँखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली कंजक्टाइवा होती है इसमें सूजन आना ही कंजक्टिवाइटिस कहलाती है। यह बैक्टीरिया और वायरस दोनों से होने वाला रोग है। वायरल और बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस के लिए अलग-अलग उपचार है। मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. परवेज सिद्दीकी ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। अस्पताल में भी कई चिकित्सक, स्टाफ और कर्मचारी भी इसकी चपेट में हैं। इससे बचाव के लिए अधिक भीड़ वाली जगहों पर न जाएँ। धूल आदि से आँखों की सुरक्षा करें।
ये हैं प्रमुख लक्षण
एक या दोनों आँखों में जलन या खुजली।
असामान्य रूप से अधिक आँसू निकलना।
आँखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज आना।
आँखों में किरकिरी जैसा महसूस होना।
एनएचएम ने जारी की एडवाइजरी
साफ-सफाई रखें, हाथों को बार-बार धोएँ।
आँखों को हाथों से न छुएँ, हाथ धोकर ही छुएँ।
स्विमिंग पूल व तालाबों के प्रयोग से बचें।
कॉन्टेक्ट लेंस न पहनें, चिकित्सक की सलाह लेकर ही दोबारा पहनें।
निजी उपयोग की सामग्री जैसे पेन, मोबाइल, रुमाल आदि को किसी से साझा न करें।