चार माह से नहीं मिला था राशन, भूखे पेट गाँवों से कलेक्ट्रेट पहुँचीं महिलाएँ
एडीएम ने दिए जाँच के आदेश, बात टालते रहे अधिकारी
डिजिटल डेस्क जबलपुर। राजाराम डुंगरिया बरगी की महिलाएँ करीब 30-40 किलोमीटर का सफर तय कर कलेक्ट्रेट पहुँचीं और यहाँ एडीएम को बताया कि उन्हें 4 माह से राशन नहीं िमला है। वे खाली पेट हैं और जब तक समस्या हल नहीं होगी, खाना खाएँगी भी नहीं। एडीएम ने मामले की गंभीरता को समझा और तत्काल ही खाद्य विभाग के अधिकारियों को बुलाकर साफ कहा िक इनकी समस्या हल होनी चाहिए, लेकिन उसके पहले इन्हें आज ही अनाज दिलवाया जाए। अधिकारियों ने एडीएम के सामने तो हाँ में हाँ मिलाई फिर उसके बाद बात कल पर टाल दी गई।
राजाराम डुंगरिया की दर्जनों महिलाएँ और पुरुष अपने साथ हो रहे अन्याय को लेकर कलेक्टर से मिलने पहुँचे। कलेक्टर नहीं िमले तो वे एडीएम मिशा िसंह के कक्ष में पहुँचे, तो उन्हें एडीएम विमलेश िसंह के पास जाने कहा गया। महिलाओं को इस कक्ष से उस कक्ष भटकाया जाता रहा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। एडीएम संह के सामने गाँवों के पुरुषों और महिलाओं ने बताया िक उन्हें 4 माह से अनाज नहीं मिल रहा है और इसके पहले जब दिया भी गया तो उसके बदले रुपए लिए गए।
हर माह अँगूठा लगवा लेता है संचालक-
ग्रामीणों ने यह भी शिकायत दर्ज कराई कि दुकान संचालक प्रदीपधर बडग़ैंया हर माह अँगूठा लगवा लेता है लेकिन अनाज नहीं देता। पहले भी जब दुकान खोलता था तो उसकी जानकारी किसी को नहीं देता था। कोटवार खुद लोगों से पूछता रहता है िक दुकान कब खुलेगी। यहाँ एडीएम ने उन्हें बताया िक अनाज वह भी नि:शुल्क मिलना चाहिए और यह आपका अधिकार है।
खाद्य आपूर्ति अधिकारी को बुलाया-
एडीएम ने तत्काल खाद्य आपूर्ति अधिकारी कमलेश तांडेकर को बुलाया और साफ कहा कि दुकान की जाँच तो हर हाल में होनी है और कार्रवाई भी तय है, लेकिन उसके पहले आज ही सभी को अनाज मिलना चाहिए ताकि ये लोग खाना खा सकें लेकिन ऐसा नहीं हुआ।