जबलपुर: बेनूर हो गए रेलवे काॅलोनियों के उद्यान, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

  • पश्चिम-मध्य रेल मुख्यालय और जबलपुर मंडल के समीप उत्सव रेलवे काॅलोनी के गार्डनों का बुरा हाल
  • रेलवे प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया कि ये उद्यान किस हाल में हैं
  • उद्यानों को संरक्षित करने और सँवारने के लिए रेलवे के पास शायद लाख रुपए का भी बजट नहीं है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-06 07:57 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।  रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों के रहने के लिए रेल प्रशासन द्वारा बड़ी-बड़ी काॅलाेनियाँ बनाई गई हैं, जिनमें खेलने और सुबह व शाम का वक्त बिताने के लिए लाखों रुपए खर्च कर उद्यानाें का निर्माण कराया गया है। मगर एक बार उद्यानों का निर्माण करने के बाद दोबारा रेलवे प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया कि ये उद्यान किस हाल में हैं, जिसका यह परिणाम है कि चाहे हाऊबाग रेल काॅलोनी हो या फिर मदन-महल स्टेशन के समीप उत्सव रेलवे काॅलोनी में निर्मित उद्यान, सभी के सभी उजड़े हुए हैं। अफसोस की बात तो यह है कि इन उद्यानों को संरक्षित करने और सँवारने के लिए रेलवे के पास शायद लाख रुपए का भी बजट नहीं है, तभी तो इन्हें सँवारने कभी कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

जानकारों का कहना है कि उत्सव रेलवे काॅलोनी में एक नहीं, बल्कि तीन से चार गार्डन हैं, जिनमें एक में तो बाकायदा व्यायाम करने के लिए साजो सामान लगाए गए थे, मगर अब इन सभी उद्यानों में कचरे के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा है।

झूले टूटे, फिसलपट्टी के हाल बुरे

हालात ये हैं कि इन उद्यानों में हरे-भरे पेड़-पौधों के स्थान पर अब सूखी-सूखी घास नजर आ रही है। बच्चाें के झूलने और फिसलने के लिए बनाई गई फिसलपट्टी भी टूट गई है, जगह-जगह जंग लग गई है। लाेगों के बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं है। यहाँ तक कि व्यायाम करने के लिए जो संसाधन लगाए गए थे, वे भी सब क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिसके चलते काॅलोनीवासी अब इन उद्यानों में घुसने से भी डरते हैं।

चंदा करके कराई जाती है सफाई

बताया जाता है कि इस काॅलोनी में रेलवे के कर्मचारियों के साथ ही आरपीएफ के अधिकारी भी रहते हैं, जो पिछले कुछ समय से इन उद्यानों की सफाई खुद करवा रहे हैं। पूर्व में कई बार रेल प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया गया, मगर जब किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो अब काॅलोनी में रहने वाले आपस में चंदा एकत्र कर सफाई करवा रहे हैं।

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