जनसुनवाई: कलेक्ट्रेट में पहुँची शिकायत, तेवर में रो रहे विस्थापित, पलटकर किसी ने देखा नहीं
नया जीवन शुरू करने दिए थे 6 बल्ली व 1 त्रिपाल
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
मदन महल पहाड़ी से हमें अतिक्रमणकारी बताकर हटा दिया गया। हमें हमारी पूरी गृहस्थी के साथ तेवर के निर्जन स्थान पर छोड़ दिया गया। 6 बल्ली, 3 बांस और एक त्रिपाल देकर कहा गया नए सिरे से जीवन शुरू करो। हमने कोशिश भी की। भीषण गर्मी झेली, बारिश और ठंड भी झेली लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा ने हमें तोड़ दिया। हम त्रिपाल में भी रह लेंगे लेकिन बिजली, पानी, सड़क, नाली जैसी मूलभूत सुविधाएँ तो दो।
यह दर्द उन सैकड़ों लोगों का है जिन्होंने विस्थापन का दर्द झेला। इनमें से पूनम प्रसाद, शक्ति शुक्ला, पवन साहू, अविनाश गुप्ता, अजय गुप्ता, सुनील झारिया आदि ने मंगलवार को कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन के सामने अपनी समस्या को उजागर किया। उन्होंने बताया कि तेवर में बसाए गए 350 से अधिक परिवार इन दिनों बदहाली में जीवन जी रहे हैं। कोई उनकी सुनने वाला नहीं है। न कोई अधिकारी आता है और न नेता। बारिश में हर तरफ पानी ही पानी है, पीएम आवास योजना की राशि और पट्टा ही प्रदान कर दिया जाए तो कुछ राहत मिले। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह की राशि नहीं मिली
एक शिकायत में बताया गया कि माँ शांतादेवी मेमोरियल फाउंडेशन द्वारा 111 निर्धन कन्याओं का विवाह 21 जून को हितकारिणी स्कूल दमोह नाका में कराया गया था। इस समारोह में शहर के अधिकांश जनप्रतिनिधि शामिल हुए थे। सभी के फार्म भी भराए गए और जोन कार्यालय में जमा कराए गए लेकिन अभी तक योजना का लाभ नहीं दिया गया है। अध्यक्ष ब्रज यादव, अफजल मंसूरी आदि ने शीघ्र योजना का लाभ दिलाए जाने की अपील की है।
165 आवेदन प्राप्त हुए
जनसुनवाई में कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जयति सिंह, अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा व श्रीमती विमलेश सिंह ने नागरिकों से उनकी कठिनाइयाँ जानीं तथा उनसे प्राप्त आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इस दौरान कुल 165 शिकायतें प्राप्त हुईं।
निगम में पहुँचीं 27 शिकायतें
नगर निगम में मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में 27 शिकायतें पहुँचीं। इनमें अतिक्रमण, साफ-सफाई, पीएम आवास, जल भराव और नाली पर कब्जा करने से संबंधित थीं। शिकायतों को निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों के पास भेजा गया। इसके अलावा नगर निगम के संभागीय कार्यालयों में जनता की समस्याएँ सुनी गईं।