जबलपुर: गर्भवती और बुजुर्ग मतदाता बिना लाइन में लगे कर सकेंगे वोटिंग
दिव्यांगों को मतदान कक्ष तक व्हीलचेयर ले जाने की होगी अनुमति, वोटिंग परसेंट बढ़ाने एक और पहल
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
विधानसभा चुनावों में मतदाताओं को रिझाने के लिए कई नवाचार किए जा रहे हैं। इसके साथ ही मानवीय दृष्टि से भी बहुत से ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जिससे मतदाताओं को लाभ होगा। गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को बिना लाइन में लगे सीधे वोटिंग का अधिकार दिया जा रहा है। इन्हें इंतजार नहीं करना होगा, ऐसे ही दिव्यांग मतदाताओं को भी व्हीलचेयर सीधे मतदान कक्ष तक ले जाने मिलेगी। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार फाॅर्म-12डी में सहमति देने वाले दिव्यांग मतदाता घर से डाकमत पत्र से मतदान कर सकेंगे। इसके अलावा दिव्यांग मतदाताओं के लिए प्रत्येक मतदान केन्द्र में जहां रैम्प बनाए गए हैं, वहीं चिन्हित मतदान केन्द्रों पर व्हीलचेयर अथवा ट्राइसाइकिल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके साथ ही प्रत्येक मतदान केन्द्र पर दिव्यांग मतदाताओं की सहायता के लिए स्थानीय स्वयंसेवी युवाओं को दिव्यांग मित्र नियुक्त किया गया है। दिव्यांग मतदाताओं को मतदान में किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए उन्हें विशेष छूट देते हुए तीनपहिया वाहन सीधे मतदान कक्ष तक जाने की अनुमति दी जाएगी।
ब्रेललिपि के डमी बैलेट पेपर रखेंगे
ऐसे मतदान केन्द्रों पर जहाँ मूक-बधिर मतदाताओं की संख्या अधिक है। वहाँ सांकेतिक भाषा के विशेषज्ञ रहेंगे। जबकि ऐसे मतदान केन्द्र जहाँ नेत्रहीन मतदाताओं की संख्या अधिक है। वहाँ ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के बारे में मार्गदर्शिका उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे मतदान केन्द्रों पर दिव्यांग मतदाताओं की सहायता के लिए ब्रेललिपि में डमी बैलेट पेपर भी रखे जाएँगे।
एसएमएस का खर्च खाते में जुड़ेगा
थोक में भेजे जाने वाले एसएमएस का खर्च भी संबंधित उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा। बल्क में भेजे गए एसएमएस की जानकारी रिटर्निंग अधिकारी को मिलने पर वह सेवा प्रदाता से इस पर हुए व्यय का अनुमान लगवाकर इसे अभ्यर्थियों के खातों में जोड़ देगा।
1 बैलेट यूनिट में 15 प्रत्याशियों के नाम आएँगे, 2 विस में लग सकती हैं 2 ईवीएम
चुनाव का कारवाँ धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। सोमवार को नामांकन का अंतिम दिन था। जिले की आठों विधानसभा सीटाें के प्रत्याशियों ने नामांकन जमा कर दिया है, बस अब इंतजार है मंगलवार को स्क्रूटनी और गुरुवार को नाम वापसी का। इसके बाद पूरी तरह से यह साफ हो जाएगा कि किस सीट से कितने प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। मतदान 17 नवम्बर को होगा और इसके पहले ही सभी मतदान केन्द्रों में ईवीएम पहुँचाई जाएँगी। चूंकि मतदाताओं की अधिक संख्या को देखकर 2 विधानसभा क्षेत्रों में 1-1 मतदान उपकेन्द्र खोले गए हैं। अब इसी हिसाब से ईवीएम, बैलेट और कंट्रोल यूनिट का इंतजाम किया जाएगा। एक ईवीएम में 15 प्रत्याशियों के नाम आते हैं, जबकि एक कॉलम नोटा का भी होता है इसलिए यह कहा जा सकता है िक एक यूनिट में 16 कॉलम होते हैं। अभी तक की स्थिति में पाटन और कैंट में प्रत्याशियों की संख्या देखकर यह कहा जा सकता है कि इन सीटों पर 2-2 ईवीएम रखी जाएँगी। पूर्व में जिले में मतदान केन्द्रों की संख्या 2130 थी लेकिन पूर्व क्षेत्र और कैंट में एक-एक मतदान उप केन्द्र बनाए गए जिससे यह संख्या अब 2132 हो गई है। इसी हिसाब से अब ईवीएम, बैलेट यूनिट और कंट्रोल यूनिट की संख्या निर्धारित की जाएगी। 15 फीसदी बैलेट यूनिट और इतनी ही कंट्रोल यूनिट तथा 25 फीसदी वीवीपैट सुरक्षित रखे जाएँगे।