जबलपुर: तकनीकी सुरक्षा से संबंधित बिंदुओं की बारीकी से होगी जाँच
जेनरेशन कंपनी के बिजली घरों का होगा प्रोटेक्शन ऑडिट
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
मध्य प्रदेश पाॅवर जेनरेशन कंपनी (जेनको) अपने सभी बिजली घरों का प्रोटेक्शन ऑडिट करवाने जा रही है। इसके लिए उसने अधिकृत और विशेषज्ञ एजेंसीज को बुलाया है। ऑडिट के तहत बिजली घरों की तकनीकी सुरक्षा की जाँच की जाएगी। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के निर्देशानुसार और उसकी गाइडलाइंस के अनुसार विद्युत जेनरेटिंग कंपनियों को अपने बिजली घरों का वार्षिक प्रोटेक्शन ऑडिट करना पड़ता है। इसमें बिजली घरों की तकनीकी सुरक्षा से संबंधित बारीक से बारीक बिंदुओं की जाँच होती है। इसमें प्रोटेक्शन यानी बचाव के कौन-कौन से तरीके बिजली घरों में प्रयोग हो रहे हैं उसकी जाँच होती है। उन उपकरणों की जाँच भी होती है जिसके माध्यम से जनरेटर से जुड़े मेजरिंग और प्रोटेक्शन इक्विपमेंट, कंट्रोल पैनल रिले, ट्रिपिंग डिवाइस, सर्किट ब्रेकर आदि बिजली उत्पादन से जुड़े तमाम उपकरणों और डिवाइसों की गुणवत्ता और उसके कैलिब्रेशन का ऑडिट होता है।
निर्धारित मापदंडों को सीमा के अंदर रखने होती है जाँच
दरअसल प्रोटेक्शन ऑडिट इसलिए किया जाता है कि कहीं बिजली कंपनियाँ अपना गलत डाटा तो नहीं दे रही हैं या फिर बिजली कंपनियाँ केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण या ग्रिड इंडिया की गाइड लाइसेंस के अनुसार कार्य कर रही हैं कि नहीं। ऑडिट में यह भी चेक किया जाता है कि बिजली कंपनियाें के जनरेटर का तापमान निर्धारित सीमा से ज्यादा होने के बाद उसका ऑटोमेटिक ट्रिपिंग का सिस्टम चालू है या नहीं।
प्रोटेक्शन ऑडिट रूटीन वर्क है जो कि तीन से चार साल में कराया जाता है। इलेक्ट्रिकल उपकरणों में जो फाॅल्ट आते हैं उसकी जाँच की जाती है। तकनीकी क्लियरेंस करने के लिए ऑडिट कराया जाता है।
- राजीव श्रीवास्तव, ईडी, ऑपरेशन एण्ड मेंटेनेंस, जेनको