जबलपुर: खतरों से कम नहीं शहर के इन तीन चौराहों से गुजरना, हर दिन हो रहे हैं हादसे
- बदहाल हुई कलेक्ट्रेट, तीन पत्ती एवं नागरथ चौक की यातायात व्यवस्था
- लग रहा जाम, आँखें बंद किए हैं जिम्मेदार विभाग, और बन रही विवाद की स्थिति
- नदारद रहते हैं ट्रैफिक और पुलिस कर्मी
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर के 3 चौराहे इन दिनों बेहद खतरनाक हो चुके हैं और उनसे आवागमन करना जोखिम लेने से कम नहीं रह गया है। हम बात कर रहे हैं कलेक्ट्रेट, तीन पत्ती एवं नागरथ चौक की जहाँ दोपहर होते ही छोटे-बड़े वाहनों की रेलमपेल शुरू हो जाती है।
इसी कारण जब-तब जाम लगने के अलावा एक्सीडेंट होने और वाहन चालकों के आपसी विवाद होना भी आम बात होती जा रही है।
इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस एवं नगर निगम के जिम्मेदार खामोश बने हुए हैं और लोगों की समस्याएँ बढ़ने से उनका आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है।
दोपहर होते ही बदहाल होने लगता है ट्रैफिक
जानकारों की मानें तो कलेक्ट्रेट चौक, तीन पत्ती एवं नागरथ चौराहा शहर के व्यस्ततम चौराहों में से एक हैं। यहाँ से दिनभर सैकड़ों दो-पहिया, चार-पहिया एवं भारी वाहनों का आवागमन होता है।
इतना ही नहीं इन तीनों चौराहों के आसपास अनेक शासकीय व गैर-शासकीय दफ्तर, स्कूल, कॉलेज एवं बाजार भी स्थित हैं। इसी के चलते दोपहर 12 बजे के बाद जब स्कूलों की छुट्टी होने का समय शुरू होता है तभी इन तीनों चौराहों पर विभिन्न वाहन चालक आमने-सामने आ जाते हैं और कई घण्टों तक यहाँ की ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल ही बनी रहती है।
अवैध दुकानों एवं कब्जों ने बढ़ाईं समस्याएँ
उक्त तीनों ही चौराहों के आसपास बड़ी संख्या में जूते-चप्पल, खाद्य सामग्री, कपड़ों, मोबाइल रिचार्ज एवं क्रॉकरी आइटमों की दुकानें धड़ल्ले से लगाई जाती हैं। इसके अलावा तिपहिए सवारी ऑटो एवं ई-रिक्शा भी दिनभर सड़क पर खड़े रहते हैं।
यही वजह है कि इन तीनों चौराहों पर थोड़ी सी भी भीड़ बढ़ने पर जाम लगने और सड़क हादसे सामने आने के हालात निर्मित हो जाते हैं। इसके अलावा कई तरह के निर्माण कार्य होने के कारण नगर निगम के भारी वाहन भी जब-तब भीड़ में घुसकर इन चौराहों पर जाम का सबब बन जाते हैं।
शाम 5 बजे पैदल चलना भी होता है मुश्किल
रोजाना शाम के 5 बजते ही कलेक्ट्रेट, हाईकोर्ट, पीएसएम, वन विभाग, एसपी ऑफिस, एल्गिन हॉस्पिटल एवं रेलवे स्टेशन की ओर आने-जाने लोगों की भीड़ अचानक बढ़ जाती है।
इसी तरह तीन पत्ती चौक से बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, बड़ा फुहारा एवं आसपास स्थित व्यावसायिक इलाकों में आने-जाने वाले लोगों के अलावा मेट्रो बसें और सवारी ऑटो दिनभर दौड़ते रहते हैं।
नागरथ चौक से भी स्कूल-कॉलेज और ऑफिस आने-जाने वाले लोग बड़ी संख्या में गुजरते हैं। तीनों मुख्य चौराहों से शाम को पैदल चलने से लेकर वाहनों से भी आवागमन करने में पसीना छूट जाता है।
ट्रैफिक सिग्नल के बावजूद नहीं सुधरे हालात
चिंताजनक बात ये है कि तीन पत्ती एवं नागरथ चौक पर ट्रैफिक सिंग्नल भी लगवाए जा चुके हैं। इसके बावजूद आज तक इन दोनों चौराहों की यातायात व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो सकी है।
इसके अलावा कलेक्ट्रेट चौक के आसपास अति महत्वपूर्ण संस्थान होने के बावजूद यहाँ की यातायात व्यवस्था में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है।
इस बीच यातायात पुलिस के जिम्मेदार न तो इन तीनों चौराहों की दशा सुधारने के लिए कोई ठोस कदम उठा रहे हैं, न ही नगर निगम के जिम्मेदार ही अतिक्रमणों को हटाने कोई ध्यान दे रहे हैं, इसलिए इन तीनों चौराहों की हालत बद्तर बनी हुई है।
सभी तिराहों व चौराहों पर यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन इनके आसपास काबिज अतिक्रमणों को हटाने के लिए नगर निगम को ही कदम उठाने चाहिए। यदि ऐसा होता है तो जरूर ही इन चौराहों पर होने वाली समस्याएँ दूर हो सकेंगी।
-प्रदीप कुमार शेंडे, एएसपी ट्रैफिक पुलिस