जबलपुर: दुकानों के सामने वाहनों की पार्किंग, आदमी निकले तो कैसे

करमचंद चौक से नौदरा ब्रिज तक दोनों हिस्सों की सड़क में निकलने के लिए बचता है केवल 8 से 10 फीट का हिस्सा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-26 09:39 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

शहर के मध्य हिस्से में चाहे छोटी सड़क या फिर कुछ चौड़ा मार्ग हो किसी में भी कब्जों की वजह से निकलना आसान नहीं है। इसमें बानगी के तौर पर शहर के व्यस्त एरिया में से एक करमचंद चौक से नौद्रा ब्रिज की सड़क को लिया जा सकता है। कागजों में तो सड़क फोरलेन है। इसमें दोनों हिस्सों में निकलने के लिए पर्याप्त जगह है लेकिन वाहनों की पार्किंग, सड़क तक पसरी दुकानों की सामग्री मार्ग को पूरी तरह से सँकरा बना देती है। इस मार्ग में जितनी भी मार्केट या दुकानें हैं उनके लिए किसी तरह की वाहन पार्किंग की कोई व्यवस्था ही नहीं है। शाम के समय हो या फिर दोपहर के वक्त वाहन दुकानों के सामने पूरी आजादी के साथ खड़े होते हैं और निकलने के लिए लोगों को मुश्किल से 8 से 10 फीट की जगह ही मिल पाती है। दिन भर में इस पूरे इलाके में कई बार जाम लगता है और इस ट्रैफिक का कारण सिर्फ और सिर्फ सड़क पर वाहनों की पार्किंग ही है।

कभी कब्जे ही नहीं हटाए जाते

इस क्षेत्र से निकलने वाले परेशान लोग कहते हैं कि इस पूरे इलाके पर कई सालों से नगर निगम ने ध्यान ही नहीं दिया है। करमचंद चौक से नौद्रा ब्रिज की ओर जाने में न तो किसी मार्केट संचालक को अतिक्रमण को लेकर कोई हिदायत दी जाती है और न दुकानदारों को कोई सलाह दी जाती है कि कब्जा सड़क पर न कराएँ। एक तरह से वाहनों की पार्किंग सड़क पर करने के लिए खुली छूटी सी है। इसका नतीजा है कि यहाँ पर पूरे बाजार में सड़कों पर खड़े वाहन निकलने वालों की अच्छी खासी परीक्षा लेते हैं।

ये चौराहा ठेलों के आगोश में

करमचंद चौक में पहले कब्जे कम थे और छोटे चौराहे से निकलना फिर भी आसान था पर कुछ समय से इस पूरे इलाके में फल के ठेले लगाने वालों ने कब्जा कर लिया है। इस चौराहे में ठेलों पर छोटे स्पीकर रखकर शोर करने के साथ फल बेचे जाते हैं। चौराहे के फल के ठेले वाले किस हद तक बेलगाम हैं इसकी बानगी देखिए कि यह दिन में कई बारी पूरे चौराहे को ही जाम कर देते हैं। रात के समय तो चौराहे पर पूरी तरह से इनका कब्जा हो जाता है।

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