जबलपुर: 1 माह बीता, लोकपाल की नियुक्ति के बाद नहीं पहुँची कोई शिकायत

  • रानी दुर्गावती विश्वविद्याय में सप्ताह में एक दिन बैठ रहे लोकपाल
  • विवि में कुलपति कार्यालय के ऊपर प्रथम तल में लोकपाल का दफ्तर बनाया गया है।
  • रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में यूजीसी के निर्देश के बाद लोकपाल की नियुक्ति हो गई थी।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-12 13:51 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। लोकपाल की नियुक्त हुए रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में एक माह से ज्यादा का समय बीत चुका है। अभी तक हालांकि लोकपाल के पास कोई भी शिकायत नहीं पहुँची है। विवि में लोकपाल बने प्रो. जेएम केलर के अनुसार वे सप्ताह में एक बार विश्वविद्यालय जाते हैं लेकिन उनके पास अभी ग्रिवेंस रिफेसर सेल की तरफ से एक भी मामला रेफर नहीं हुआ है।

लोकपाल की नियुक्ति के पीछे उद्देश्य यह रहता है कि विद्यार्थियों की समस्याओं का निराकरण किया जाए। इसके लिए जीआरसी के माध्यम से ही शिकायत पहुँचती हैं। विवि में कुलपति कार्यालय के ऊपर प्रथम तल में लोकपाल का दफ्तर बनाया गया है।

जानकारी के अनुसार आयोग ने कुछ समय पूर्व अनिवार्य रूप से लोकपाल की नियुक्ति के आदेश विश्वविद्यालयों को दिए थे। उन्हें 31 दिसम्बर 2023 तक लोकपाल की नियुक्ति करने और इसकी जानकारी आयोग को भेजने के निर्देश भी दिए थे लेकिन जिले के पाँच विश्वविद्यालयों समेत प्रदेश के 18 विश्वविद्यालयों ने आयोग के इस निर्देश को नहीं माना।

जिसके बाद आयोग ने यह कार्रवाई की। यह भी कहा है कि यदि तीन माह के भीतर लोकपाल की नियुक्ति विवि द्वारा कर दी जाती है, तो उन्हें डिफाल्टर सूची से बाहर कर दिया जाएगा।

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में यूजीसी के निर्देश के बाद लोकपाल की नियुक्ति हो गई थी। उन्होंने फरवरी में बैठक भी की है। जो भी शिकायत या उनसे जुड़ा मामला आएगा लोकपाल को भेजा जाएगा।

-डाॅ. दीपेश मिश्र, कुलसचिव रादुविवि

छात्रों को दी फार्मोकोविजिलेंस की जानकारी

भावी फार्मासिस्टों और रावतपुरा फार्मेसी महाविद्यालय के छात्रो को शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में संचालित फार्मोकोविजिलेंस सेंटर के द्वारा आयुर्वेद औषधि के दुष्प्रभाव एडवर्स ड्रग रिएक्शन सहित औषधि पौधों के लाभ और हानि की जानकारी दी गई। यह जानकारी फार्मोकोविजिलिंस डॉ. शुभम जैन ने दी।

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