जबलपुर: वाहन फिटनेस के लिए अब आरटीओ के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे
- जिले में नई व्यवस्था छह माह बाद लागू हो सकेगी
- ऑटोमैटिक निजी टेस्टिंग स्टेशन में यह सुविधा मिलेगी
- निजी वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट 15 साल के लिए वैध होता है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। वाहनों की फिटनेस की व्यवस्था परिवहन विभाग ने निजी हाथों में सौंप दी है। इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में यह लागू कर दी है लेकिन जबलपुर में यह सिस्टम नए साल से आरंभ हो सकेगा।
निजी हाथों में वाहन की फिटनेस ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन में चेक होगी और वाहन सभी मापदण्डों में खरा उतरने पर फिटनेस प्रमाण-पत्र जनरेट हो सकेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने स्वचालित फिटनेस सेंटर खोलने के लिए सिंतबर 2021 में अधिसूचना जारी की थी।
इस अधिसूचना के तहत मध्य प्रदेश में 11 स्वचालित फिटनेस केंद्र खोले जाने की जानकारी दी थी लेकिन इस सिस्टम को तीन शहरों में ही प्रमुखता से लागू किया गया। अब आगे के शहरों में यह प्रोसेस चल रही है।
आरटीओ जितेन्द्र रघुवंशी कहते हैं कि वाहन फिटनेस शहर में नए साल से निजी हाथों में होगा। इसके लिए प्रोसेस चल रही है। जानकारों का कहना है कि फिटनेस के लिए परिवहन विभाग के कार्यालय तक अनेक बार चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
वाहन फिटनेस कब तक
नए निजी वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट 15 साल के लिए वैध होता है। उसके बाद, हर 5 साल में फिटनेस सर्टिफिकेट का नवीनीकरण किया जाना चाहिए। वाणिज्यिक वाहनों के लिए, एफसी 2 साल के लिए वैध है, जबकि 8 साल तक पुराने वाहनों के लिए यह एफसी 2 साल के लिए वैध है। हर स्तर के वाहनों के लिए अलग-अलग तरह की फीस परिवहन विभाग ने निर्धारित की है।