जबलपुर: अब सभी अस्पतालों में एक रंग के नजर आएँगे साइन बोर्ड

  • राज्य स्तरीय कमेटी में लिया निर्णय
  • स्यान रंगे के बोर्ड पर सफेद रंग से लिखी होगी जानकारी
  • अलग-अलग अस्पतालों में अलग-अलग रंगों के बोर्ड इस्तेमाल किए जाते रहे हैं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-25 10:34 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में लगाए जाने वाले सभी तरह के साइनेज बोर्ड अब एक ही रंगे के होंगे, अब तक अस्पतालों में इसके लिए कोई तय मापदंड नहीं थे, जिसके चलते अलग-अलग अस्पतालों में अलग-अलग रंगों के बोर्ड इस्तेमाल किए जाते रहे हैं।

राज्य शासन ने गठित की राज्य स्तरीय कमेटी ने अस्पतालों में साइनेज बोर्ड को लेकर निर्णय ले लिया है।

वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, कैजुअल्टी समेत अन्य विभागों की जानकारी प्रदान करने वाले ये बोर्ड अब स्यान (हरा-नीला मिश्रित) रंग में नजर आएँगे।

बुधवार को रानी दुर्गावती लेडी एल्गिन अस्पताल में क्षेत्रीय संचालक डॉ. संजय मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया।

एनएचएम मप्र द्वारा एनक्यूएएस मापदंडों के अनुरूप अस्पतालों में साइनेज के स्टैंडर्डाइजेशन करने के लिए 16 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।

कमेटी के निर्णय के बाद अब राज्य सरकार काे प्रस्ताव भेजा जाएगा। बैठक में क्वालिटी एश्योरेंस के राज्य सलाहकार डॉ. विवेक मिश्रा, डीक्यूएम डॉ. जया, डॉ. आदर्श विश्नोई, डॉ. शिखा गर्ग, डॉ. इन्द्र कुमार सतनाम, डॉ. नीता पाराशर, डॉ. ऋचा, डॉ. संजय जैन, डॉ. शिवकांत उपाध्याय आदि मौजूद रहे।

चेतावनी के लिए लाल रंग

जानकारी के अनुसार अस्पतालों में अलार्मिंग साइनेज यानी कि चेतवानी से जुड़े बोर्ड लाल रंग के होंगे।

इसमें पार्किंग, नो पार्किंग, नो स्मोकिंग, इलेक्ट्रिक डेंजर जैसे बोर्ड शामिल हैं। कमेटी ने अस्पताल के फ्लोर प्लान के हिसाब से मेन एंट्रेंस और अंदर के लिए बोर्ड का साइज भी तय कर दिया है।

एल्गिन में एक साथ 4 असेसमेंट

रानी दुर्गावती अस्पताल में केंद्र और राज्य स्तरीय 4 असेसमेंट भी साथ में हुए। जानकारी के अनुसार बीते वर्ष एनक्यूएएस और लक्ष्य प्रोग्राम में अव्वल आने के बाद पहली बार अस्पताल का सर्विलांस असेसमेंट किया गया। जिसमें असेसर्स की टीम ने कार्यक्रम के मुताबिक निर्धारित मापदंडों को देखा।

इसके साथ ही एसएनसीयू, शिशु रोग वार्ड और एनआरसी मापदंडों को पूरा कर रहे हैं या नहीं, इसके लिए मुस्कान कार्यक्रम का असेसमेंट किया गया। वहीं राज्य स्तरीय कायाकल्प पुरस्कार के लिए भी अस्पताल का फाइनल असेसमेंट दो दिन तक चला।

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