जबलपुर: 70 में से 26 एकड़ भूमि का मामला न्यायालय में याचिका निराकरण के बाद ही कोई कार्रवाई

  • कलेक्टर ने किया टेलीकाॅम फैक्ट्री का दौरा, कहा- जमीन विनिवेश प्रक्रिया में नहीं
  • शहर में अनेक संगठन टेलीकाॅम फैक्ट्री की जमीन को लेकर आंदोलन की राह पर हैं।
  • याचिका के निराकरण उपरांत ही यथोचित कार्रवाई हो सकती है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-22 13:34 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रानीताल के पास स्थित टेलीकाॅम फैक्ट्री की जमीन से जुड़े मुद्दे के संबंध में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने रविवार को बीएसएनएल के जीएम एनके डोंगरा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

इस बैठक के बाद कलेक्टर ने अनौपचारिक चर्चा में बताया कि जीएम की ओर से अवगत कराया गया है कि भारत सरकार की विनिवेश नीति के अनुरूप भारत संचार निगम की जबलपुर स्थित भूमियों का विनिवेश विचारण में है, पर इस दिशा में फिलहाल कोई कार्रवाई प्रचलित नहीं है।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रश्नगत भूमि के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में याचिका प्रचलित है। याचिका के निराकरण उपरांत ही यथोचित कार्रवाई हो सकती है। कलेक्टर का कहना है कि बैठक में विभिन्न तथ्यों पर चर्चा की गई।

बैठक में यह पहलू भी सामने आया है कि बीएसएनएल की 70 एकड़ जमीन में से लगभग 26 एकड़ जमीन मध्य प्रदेश शासन के नाम घोषित करने का एक आदेश पूर्व में जारी किया गया, जिसके खिलाफ बीएसएनएल द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। बैठक में अपर कलेक्टर मिशा सिंह और अधारताल एसडीएम शिवाली सिंह भी मौजूद थीं।

अर्बन फाॅरेस्ट बने तो बचाव होगा

शहर में अनेक संगठन टेलीकाॅम फैक्ट्री की जमीन को लेकर आंदोलन की राह पर हैं। लोगों का कहना है कि जमीन को बेचने की बजाय उसका उपयोग शहर और जनता के लिए होना चाहिए। इधर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने कहा कि टेलीकाॅम फैक्ट्री की भूमि का जब "लैंड यूज' नहीं रहा तो टेलीकॉम फैक्ट्री की भूमि किसी भी तरह की प्रक्रिया अपनाकर वापस लेना चाहिए।

टेलीकॉम फैक्ट्री की भूमि पर बने अद्भुत अर्बन फाॅरेस्ट को बचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है, वह इसका निर्वहन करे। यह निवेदन विभिन्न संगठनों की ओर से डॉ. पी.जी. नाजपांडे ने किया और कहा कि भूमि को बेचकर "लैंड यूज' को बदला नहीं जा सकता है। अतः राज्य सरकार इसे संज्ञान में लेकर भूमि वापस ले।

राज्य सरकार जिम्मेदारी निभाये

टेलीकॉम फैक्ट्री के अर्बन फाॅरेस्ट को बचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार निभाये, यह माँग बैठक में विभिन्न संगठनों ने की है। बैठक में रजत भार्गव, एड. वेदप्रकाश अधौलिया, टी.के. रामघटक, डी.के. सिंग, उमेश दुबे, जी.पी. विश्वकर्मा, सुभाष चन्द्रा, सुशीला कनौजिया आदि शामिल थे।

लगातार चलेगा संघर्ष

स्नेह नगर विकास समिति एवं जेडीए आवासीय कल्याण समिति की एक बैठक में विनोद दुबे, दिलीप कुमार नेमा, कमल रावत, आरएन मिश्रा, शरद पोद्दार, कीर्ति दुबे, सपना राय, सुनील नेमा, आनंद जैन, पीआर मिश्रा आदि ने कहा कि भूमि को बचाने लगातार संघर्ष किया जाएगा।

हरियाली को बचाने एकजुट

कमला नेहरू नगर व्यापारी संघ, संपूर्ण ब्राह्मण मंच, शहीद सम्मान समिति, धनुष यज्ञ रामलीला समिति, स्नेह नगर समिति आदि के सदस्यों ने संयुक्त रूप से कहा कि हरियाली को हर कीमत में बचाना होगा।

इसको लेकर एक बैठक का आयोजन भी किया गया जिसमें रंजीत पटेल, धनंजय बाजपेई, नंदलाल शर्मा, रितेश पांडे, शशांक वर्मा, विजय गुप्ता, कमलेश दुबे आदि ने अपने विचार रखे।

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