जबलपुर: नर्सिंग और पैरामेडिकल काउंसिल की निरीक्षण रिपोर्ट की स्क्रूटनी करेगी एमयू, उसके बाद संबद्धता पर विचार
कॉलेजों के एफीलिएशन में संशय को लेकर कमेटी ने लिए निर्णय
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
सत्र 2021-22 व सत्र 2022-23 में पूर्व में संचालित कॉलेजों, जिनमें कोई सीट वृद्धि नहीं की गई है, उन्हें नर्सिंग काउंसिल एवं पैरामेडिकल काउंसिल की मान्यता के आधार पर यथावत संबद्धता प्रदान की जाएगी, जिसका अंतिम निर्णय न्यायालय के अधीन रहेगा। यही नहीं अगर कॉलेजों को सत्र 2020-21 के लिए न्यायालय से मान्यता नहीं मिलती है तो सत्र 2021-22 व सत्र 2022-23 के लिए उनकी संबद्धता स्वत: ही निरस्त हो जाएगी। उक्त निर्णय मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में कार्यपरिषद् बैठक में गठित 8 सदस्यीय कमेटी द्वारा लिए गए हैं। दरअसल सत्र 2020-21 में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल महाविद्यालयों के न्यायालयीन प्रकरणों के अंतर्गत सीबीआई जाँच चल रही है, जिसके चलते सत्र 2021-22 व सत्र 2022-23 में संबद्धता अथवा संबद्धता निरंतरता को लेकर संशय की स्थिति निर्मित हो गई थी। इसके बाद बीते माह हुई कार्यपरिषद् की बैठक में 8 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी द्वारा विभिन्न निर्णय लिए गए हैं, जिसमें सत्र 2021-22 व सत्र 2022-23 में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल काउंसिल द्वारा नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने के लिए किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट को मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा स्क्रूटनी किया जाएगा और इसके बाद तैयार रिपोर्ट के आधार पर संबद्धता के निर्णय के लिए ईसी बैठक में रखा जाएगा।
इसके साथ ही नर्सिंग संकाय में सत्र 2021-22 व सत्र 2022-23 के एकेडमिक कैलेंडर को एक साथ चलाने पर निर्णय हुआ है, वहीं पैरामेडिकल संकाय में इन्हीं दोनों सत्रों के लिए एक वर्ष की अपेक्षा 6 माह का अंतर रखे जाने निर्णय हुआ है, क्योंकि दोनों ही सत्र विलंब से चल रहे हैं।