जबलपुर: स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग अर्से से नहीं सम्बद्धता सहित कई मामले अटके

  • स्टैंडिंग कमेटी की बैठक फरवरी माह में आखिरी बार हुई थी।
  • कुल मिलाकर अकादमिक फैसलों के लिए यह बैठक काफी आवश्यक है।
  • बैठक न होने की वजह लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता को भी माना जा रहा है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-24 10:02 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। लंबे अर्से से न तो कॉलेजों की सम्बद्धता का फैसला हो सका है और न ही नए पाठ्यक्रमों को लेकर कोई निर्णय। इसी तरह से कोड 28 में शिक्षकों की नियुक्ति सहित दो दर्जन मामले अटके हुए हैं।

इन तमाम तरह की लेटलतीफी के पीछे स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग का न हो पाना है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से सम्बद्धता लेने वाले काॅलेज इन दिनों खासे परेशान हैं। स्टैंडिंग कमेटी की बैठक पिछले चार माह से नहीं हुई है।

इस कारण विश्वविद्यालय प्रशासन के पास कई मसले लंबित हैं। जानकारों का कहना है कि इस बैठक में ही अकादमिक फैसले लिए जाते हैं। बैठक न होने से फैसले कागजों में ही दबे रह गए।

फरवरी के बाद से मीटिंग नहीं

स्टैंडिंग कमेटी की बैठक फरवरी माह में आखिरी बार हुई थी। जानकारों का कहना है कि बैठक हर माह होनी चाहिए। कई बार तो किसी गंभीर प्रकरण की वजह से मीटिंग 15 दिन में भी आयोजित करने का प्रावधान है।

कुलगुरु और संकायाध्यक्ष की मौजूदगी में होने वाली मीटिंग में कॉलेजों से जुड़े विषय शामिल किए जाते हैं। कुल मिलाकर अकादमिक फैसलों के लिए यह बैठक काफी आवश्यक है।

इस सप्ताह हो सकती है मीटिंग

बैठक न होने की वजह लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता को भी माना जा रहा है। काॅलेज संचालक विश्वविद्यालय के चक्कर लगाकर थक चुके हैं, क्योंकि स्टैंडिंग कमेटी के निर्णय के बिना उनकी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती। बहरहाल, इस सप्ताह मीटिंग होने के आसार हैं। इसके लिए तैयारियाँ भी शुरू कर दी गई हैं।

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