जबलपुर: माढ़ोताल तालाब सरकारी तो हो गया, लेकिन नहीं बदल पाई तस्वीर

बारिश के पहले ही 20 प्रतिशत हिस्से में हुआ था गहरीकरण, अब चारों तरफ नजर आ रही चोई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-27 09:27 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

माढ़ोताल तालाब सरकारी तो हो गया लेकिन 17 महीने बाद भी तालाब की तस्वीर नहीं बदल पाई है। माढ़ोताल तालाब को सरकारी घोषित करते समय कहा गया था कि जल्द ही तालाब को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। नगर निगम ने अभी तक केवल तालाब के 20 प्रतिशत हिस्से में गहरीकरण का काम किया है। बारिश के बाद तालाब में केवल चोई नजर आ रही है।

उल्लेखनीय है कि माढ़ोताल तालाब को निजी बताकर बेचा जा रहा था। तालाब को बचाने के लिए क्षेत्रीय नागरिकों ने आंदोलन किया था। क्षेत्रीय लोगों का कहना था कि माढ़ोताल तालाब के कारण आसपास के क्षेत्रों का जलस्तर नहीं गिरता है। उनका कहना था कि तालाब को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए। तत्कालीन कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने मामले में संज्ञान लेते हुए 31 मई 2022 को तालाब को सरकारी घोषित कर दिया था। इसके साथ ही तालाब की जमीन के सभी बटांक निरस्त कर दिए गए थे। सरकारी होने के बाद तालाब को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की बात कही गई थी।

55.84 एकड़ का है तालाब

वर्ष 1910 के लैंड रिकॉर्ड में माढ़ोताल तालाब की जमीन 55.84 एकड़ दर्ज है। आसपास के लोग लंबे समय से तालाब के पानी का उपयोग पेयजल और निस्तार के लिए करते थे। धीरे-धीरे लोगों ने तालाब की जमीन को बेचना शुरू कर दिया। अब हालत यह है कि तालाब के चारों तरफ अवैध कब्जे हैं, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन ने तालाब की जमीन से अवैध कब्जे नहीं हटाए हैं।

वाॅटर स्पोर्ट्स की हैं बेहतर संभावनाएँ

क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि माढ़ोताल तालाब शहर के बीचों-बीच स्थित है। यहाँ पर वाटर स्पोर्ट्स के लिए बेहतर संभावनाएँ हैं। इसके साथ ही तालाब में सिंघाड़ा और फूलों की खेती भी हो सकती है। इससे क्षेत्रीय लोगों के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकेंगे। तालाब के चारों तरफ वॉकिंग ट्रैक भी बनाया जा सकता है। यह आने वाली पीढ़ी के लिए अनूठी सौगात बनेगा।

तब बंद हो गया था काम

माढ़ोताल के आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि नगर निगम ने वर्ष 2023 में बारिश के 15 दिन पहले गहरीकरण का काम शुरू किया था। तालाब के 20 प्रतिशत हिस्से का गहरीकरण होने के बाद बारिश शुरू हो गई। इसके बाद काम बंद कर दिया गया। हालत यह है कि तालाब में केवल चोई ही नजर आ रही है।

माढ़ोताल तालाब को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए डीपीआर तैयार करा ली गई है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद टेंडर जारी किए जाएँगे।

भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम

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