जबलपुर: आयुर्वेद उपचार के लिए ओपीडी में लंबी कतार, आईपीडी भी फुल
कोरोना के बाद डबल हो गई आयुर्वेद कॉलेज की ओपीडी, 4 सैकड़ा तक पहुँची पीड़ित मरीजों की संख्या
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
कोराेना काल के बाद आयुर्वेद के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है। इसकी बानगी खुद आँकड़े दे रहे हैं। गौरीघाट स्थित शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की बात करेें तो कोरोना के बाद यहाँ की ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या डबल हो गई है। बीते कुछ दिनों की बात करें तो प्रतिदिन 350 से 400 मरीज तक ओपीडी में विभिन्न समस्याओं को लेकर पहुँच रहे हैं। बीते दिन 400 से ज्यादा मरीज उपचार के लिए कॉलेज पहुँचे। वहीं वर्तमान स्थिति में कॉलेज की आईपीडी भी लगभग फुल है। अस्पताल में करीब 50 मरीज भर्ती होकर उपचार करा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मौसमी बीमारी जैसे- सर्दी, खाँसी, बुखार के अलावा जोड़ों का दर्द, त्वचा रोग, मधुमेह, श्वास रोग, नेत्र रोग समेत कई अन्य बीमारियों के उपचार में लोगों का विश्वास आयुर्वेद के प्रति बढ़ा है।
2 दिन एक्स-रे, 1 दिन सोनाेग्राफी
जानकारी के अनुसार अस्पताल में एक्स-रे और सोनाेग्राफी की सुविधा भी है। हालाँकि रेडियोलॉजिस्ट की कमी के चलते हफ्ते में 2 दिन एक्स-रे और 1 दिन सोनाेग्राफी हो पा रही है। लोगांे का कहना है कि अस्पताल में स्त्री रोगों से पीड़ित महिलाओं के साथ प्रसव के लिए भी महिलाएँ पहुँचती हैं, ऐसे में एक्स-रे और सोनोग्राफी की सुविधा प्रतिदिन मिलनी चाहिए।
बढ़ेगी नेत्र जाँच की सुविधा, आई फंडस एग्जामिनेशन मशीन
कॉलेज के डॉ. पंकज मिश्रा ने बताया कि कॉलेज में सुविधाएँ बढ़ने से मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। हाल ही में नेत्र जाँच की सुविधा का दायरा बढ़ाने के लिए फंडस एग्जामिनेशन मशीन लगवाई गई है। इससे नेत्र से जुड़ी समस्याओं की जाँच और बेहतर तरीके से हो सकेगी। फंडस एग्जामिशन के लिए मशीनें आ गई हैं। ओपीडी में 15 चिकित्सक सेवाएँ दे रहे हैं। इसके अलावा आईपीडी एवं अन्य ड्यूटीज के लिए मेडिकल ऑफिसर्स भी हैं।
पंचकर्म चिकित्सा के लिए हो रहे भर्ती
बताया जाता है कि आयुर्वेद कॉलेज में भर्ती होने वाले ज्यादातर मरीज जोड़ों में दर्द, स्पॉन्डिलाइटिस जैसे समस्याओं से पीड़ित होते हैं, जिन्हें पंचकर्म चिकित्सा के माध्यम से लाभ दिया जा रहा है। अस्पताल में हफ्ते में 2 दिन डेंटल ओपीडी भी अब शुरू हो गई है। इसके अलावा पाइल्स जैसी समस्याओं से पीड़ित मरीज भी उपचार के लिए आते हैं।