जबलपुर: नेता भी पहुँचे परीक्षा देने ताकि अनपढ़ न कहलाएँ

  • 1830 शालाओं में हुई उल्लास साक्षरता की मूल्यांकन परीक्षा, साक्षर बनने के लिए हर वर्ग में दिखा उत्साह
  • नव साक्षरों के लिए मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता परीक्षा का आयोजन किया गया।
  • परीक्षा के दौरान अनेक शालाओं में नवसाक्षरों का स्वागत-सम्मान किया गया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-18 09:54 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पंच, सरपंच और यहाँ तक की जिला पंचायत सदस्य भी साक्षरता की परीक्षा देने पहुँचे। जिले के 1830 केन्द्रों में हुई परीक्षा के दौरान ऐसे कई दिलचस्प नजारे देखने मिले। कई स्कूलों में उम्रदराज परीक्षार्थी भी नजर आए, उनके हाथ-पैर भले ही कांपते रहे लेकिन निरक्षरता से दो-दो हाथ करने का जज्बा काबिल-ए-तारीफ रहा।

साक्षरता दर बढ़ाने राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देश पर नव साक्षरों के लिए मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता परीक्षा का आयोजन किया गया। जिले के सभी शासकीय शालाओं को परीक्षा केंद्र बनाया गया। जिसमें तकरीबन 42,000 नव साक्षर परीक्षा में शामिल हुए।

सुबह 10 से 5 बजे तक परीक्षा चली। परीक्षार्थी अपनी सुविधा के अनुसार 3 घंटे के इम्तिहान में शामिल हुए। जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी अंजनी सेलेट ने अनेक सामाजिक चेतना केन्द्रों का भ्रमण कर परीक्षा का जायजा लिया।

जिला सह-समन्वयक प्रकाश चंदेल ने बताया कि जिले के सभी प्राचार्य, शाला प्रभारी, शिक्षक तथा अक्षर साथियों ने परीक्षा संपन्न कराने में अहम भूमिका अदा की।

मार्कशीट भी मिलेगी

परीक्षा में सफल परीक्षार्थियों को साक्षरता राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान नई दिल्ली द्वारा प्रमाण-पत्र सह अंकसूची प्रदान की जाएगी।

बहरहाल, परीक्षा के दौरान अनेक शालाओं में नवसाक्षरों का स्वागत-सम्मान किया गया।

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