करोड़ों के प्लाॅट दूसरों को एलाॅट कर दिए जेडीए ने..!
दस्तावेजों में हेराफेरी करते हुए योजना क्रमांक 41 व 5 में प्लाॅट आवंटित किए
जबलपुर। जेडीए में पदस्थ अधिकारियों द्वारा योजना क्रमांक-31 के मुआवजा दिए जाने का खेल खुलेआम जारी है। वहीं इस घालमेल का पूरा चिट्ठा जिम्मेदार अधिकारियों के पास पहुँच चुका है उसके बाद भी उनके द्वारा एक्शन नहीं लिया जा रहा है। वहीं मामले की शिकायत कलेक्टर दीपक सक्सेना के समक्ष भेजी गई और उन्होंने पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए जाँच का भरोसा शिकायकर्ता शैलेन्द्र को दिया है।
यह है पूरा मामला
जेडीए को योजना क्रमांक-31 में अधिग्रहण की गई जमीन का मुआवजा उसी जमीन में दिया जाना था पर जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा दस्तावेजों में हेराफेरी करते हुए योजना क्रमांक 41 व 5 में प्लाॅट आवंटित किए गए हैं। योजना क्रमांक 5 व 41 में भूखंड क्रमांक 1319, 1520, 11, 16, 16 प्लॉट क्रमांक 169, डी-5, डी-6, डी-9, डी-13, डी-16 एलॉट कर दिए गए। वहीं 1 करोड़ 75 हजार जेडीए के राजस्व खाते में जमा कराए गए। जबकि योजना क्रमांक 41 व 5 में करोड़ों की कीमत के प्लाॅट एलाॅट किए गए हैं।
बिना शपथ-पत्र लिए कर दिया खेल
जबलपुर विकास प्राधिकरण शपथ-पत्र लेकर ही योजनाओं में प्लाॅट एलाॅट करने का काम करता है पर नोटराइज चुकता नामा लेकर योजना क्रमांक-31 में अधिग्रहण की गई जमीन के बदले योजना क्रमांक 41 व 5 में प्लाॅट दिए गए हैं। जेडीए ने बचपन स्कूल विजय नगर लमती निवासी आशीष गोंटिया, गौरव भुर्रक निवासी बम्हनोदा शहपुरा नटवारा की जमीन का मुआवजा शिवम गुप्ता व अभिषेक शर्मा निवासी राइट टाउन के नाम पर प्लॉट एलाॅट कर दिए हैं।
नियम को किया दरकिनार
शिकायकर्ता शैलेन्द्र कुमार का कहना है कि जबलपुर विकास प्राधिकरण योजना क्रमांक-31 को बंद करने का शपथ-पत्र कोर्ट के साथ अन्य जगह दे चुका है, उसके बाद भी बंद योजना के प्लाॅट दूसरी योजना में एलाॅट कर गोलमाल करने में जबलपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी जुटे हुए हैं। इस संबंध में जेडीए सीईओ दीपक वैद्य से संपर्क किया गया तो उन्होंने अवकाश में होने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया और पीआरओ से फोन लगवाकर अवकाश से आने के बाद संपर्क करने सूचना दी गई। वहीं जिला प्रशासन ने गंभीरता से जाँच कराने का भरोसा दिया है।