काउंसलिंग में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई: काउंसलिंग में मौका न मिलने से नाराज जनशिक्षकों ने दिया सामूहिक इस्तीफा
- मौखिक आदेश के कारण हुई गफलत के कारण शिक्षा विभाग में दूसरे दिन भी जारी रहा घमासान
- गौरतलब है कि एक दिन पहले की गई काउंसलिंग में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। स्कूल शिक्षा विभाग में मौखिक आदेश पर आनन-फानन में कराई गई काउंसलिंग को लेकर दूसरे दिन भी घमासान जारी रहा। सर्व शिक्षा अभियान में कार्यरत जनशिक्षकों ने उच्च पद प्रभार काउंसलिंग में अवसर न मिलने से नाराज होकर सामूहिक इस्तीफा जिला परियोजना समन्वयक योगेश शर्मा को सौंप दिया।
जनशिक्षकों ने इस्तीफा सौंपते हुए इस बात का भी आरोप लगाया कि समान योग्यता वाले कर्मचारियों के बीच भेद-भाव किया जाना उचित नहीं है। खासकर तब जब सभी एक ही विभाग में सेवाएँ दे रहें हों। प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर रहे माध्यमिक शिक्षक भी अकादमिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।
बीएसी स्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने जब जिम्मेदार अधिकारियों से पूछा कि उन्हें उच्च पद प्रभार से क्यों वंचित किया जा रहा है, तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला सिर्फ मौखिक आदेश का हवाला दिया गया जो समझ से परे है।
एक अन्य बीएसी प्रकाश चंदेल ने बताया कि उन्हें काउंसलिंग के बाद स्कूल भी आवंटित कर दिया गया लेकिन बाद में ऑर्डर निरस्त कर दिया गया। लिहाजा वे निराश होकर मिशन के कार्यों से इस्तीफा दे रहे हैं।
जिला परियोजना समन्वयक योगेश शर्मा ने बताया कि इस मामले की सूचना उन्होंने फोन पर राज्य शिक्षा केन्द्र के अधिकारियों को दे दी है, और जल्द ही इसके संबंध में एक पत्र उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा। जनशिक्षकों के सामूहिक इस्तीफे की खबर से शिक्षा विभाग में हलचल तेज हो गई है।
इस तरह मिशन के कार्य से सामूहिक इस्तीफा दिए जाने से मिशन का काम प्रभावित होना तय है। अब इस बात का इंतजार किया जा रहा है कि इस मामले में राज्य शिक्षा केन्द्र के अधिकारियों का रुख क्या रहेगा।
गौरतलब है कि एक दिन पहले की गई काउंसलिंग में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई हैं। इस दौरान ऐसे भी मामले आए जिनमें अयोग्य शिक्षकों को पहले पोस्टिंग दी गई और बाद में सबके जाने के बाद उनकी पदस्थापना रद्द करते हुए मनपसंद शिक्षकों को पोस्टिंग दे दी गई।
कर्मचारी संघ ने जताया आक्रोश-
उधर तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष अतुल मिश्रा, रत्नेश मिश्रा, संदीप श्रीवास्तव, विनोद विश्वकर्मा, सुनील पटेल, श्वेता श्रीवास्तव ने भी शिक्षा विभाग की इस गफलत पर तीव्र आक्रोश जताया है।