Jabalpur News: करोड़ों से बनी स्मार्ट सड़कों के फुटपाथ पर सुधारे जा रहे वाहन, कोई देखने वाला नहीं

  • नगर निगम मुख्यालय से चंद कदम दूर एमएलबी रोड पर अराजकता
  • कार्रवाई नहीं होने से और बढ़ी मनमानी
  • नगर निगम कभी इन अस्थाई कब्जा करने वालों को खदेड़ता ही नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-04 13:26 GMT

Jabalpur News: शहर में स्मार्ट सिटी के बजट से 40 के करीब अलग-अलग सड़कों का निर्माण किया गया। इसमें राइट टाउन, गोलबाजार एरिया में ही 32 सड़कें बनाई गईं, इन्हीं सड़कों से दो प्रमुख सड़कें माॅडल रोड से हवा घर व नगर निगम चौक से गौ माता चौक। इन दोनों सड़कों की हालत ऐसी है कि जो फुटपाथ सड़क से अलग पैदल चलने वालों के लिए बनाए गए उनमें वाहन सुधारे जा रहे हैं।

शहर के अंदर नगर निगम से चंद कदम की दूरी पर यह हद दर्जे की अराजकता देखी जा सकती है। एमएलबी स्कूल रोड पर स्टेडियम की पार्किंग सड़क पर है। वहीं सामने जो फुटपाथ है उसमें वाहनों को बड़ी ही निर्भीकता के साथ खोलकर सुधारा जाता है। सड़क कब्जे में है और फुटपाथ को एक तरह से मैकेनिक जोन में तब्दील कर दिया गया है। लोगों का कहना है कि नगर निगम कभी इन अस्थाई कब्जा करने वालों को खदेड़ता ही नहीं, जिससे इनके हौसले बुलंद हो रहे हैं।

और शहरों में ऐसा नजारा नहीं

भोपाल व इंदौर में भी स्मार्ट सिटी के बजट से दर्जनों सड़कें विकसित की गईं। वहाँ चौड़ाई कुछ ज्यादा हो लेकिन इसी तर्ज पर सड़कें बनाई गईं। इन शहरों की सड़कों पर अराजक नजारा नहीं जैसा जबलपुर शहर में है। यहाँ कोई सड़क हेतु निर्धारित कायदा मानने तैयार ही नहीं। विशेष बात यह है कि नगर निगम का अतिक्रमण विभाग भी इन पर मेहरबान है जिससे इनका दायरा हर दिन बढ़ता जा रहा है। हालत ऐसी है कि पूरे राइट टाउन एरिया में फुटपाथ पर लाेगों की टेढ़ी नजर है।

100 करोड़ खर्च पर जनता को क्या फायदा

गोलबाजार से लेकर राइट टाउन तक सड़कों पर 100 करोड़ से अधिक राशि खर्च की गई है। सभी 32 सड़कों पर फुटपाथ निर्मित किए गए लेकिन इन फुटपाथों पर कब्जे समय-समय पर हटाकर इनको जनता के लिए बेहतर बनाए रखा जाए, इसके लिए कोई कोशिश ही नहीं की जा रही।

लोगों का कहना है कि नगर निगम ने एक बार फुटपाथ बनाया और उसके बाद इसको भुला दिया। अब देखरेख करने वालों की अनदेखी करने का फायदा लोगों ने उठाया और इन खाली फुटपाथों को खटारा वाहनों की पार्किंग के साथ मैकेनिक जोन में बदला जा रहा है। इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बाद भी जनता को इन सड़कों पर चलने के दौरान राहत नहीं है।

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