Jabalpur News: आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, निम्न-मध्यम आय वर्ग के परिवारों पर असर

  • डेढ़ महीने से लगातार बनी हुई है दामों में तेजी, लोगों ने कहा- मुनाफाखोरी पर कसें लगाम
  • सब्जियों के बढ़े हुए दामों के पीछे सब्जी व्यापारियों के कई तर्क हैं।
  • हरी सब्जियों के दामों में तेजी आने के पीछे हाल ही में हुई तेज बारिश को ठहराया जा रहा है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-24 11:44 GMT

Jabalpur News: थोक व फुटकर बाजार में हरी सब्जियों के दाम पिछले दो-तीन महीने से आसमान छू रहे हैं। जिसकी वजह से आम जनता का आर्थिक बजट बिगड़ा हुआ है। सबसे ज्यादा असर हरी मिर्च, धनिया, टमाटर, प्याज, अदरक और लहसुन के बढ़े हुए दामों से हो रहा है, जिसके कारण गरीबों के लिए चटनी-सलाद खाना दूर की बात हो चुकी है।

सब्जी बाजार के अनुसार धनिया 200-300 रुपए, लहसुन 300-400 रुपए, नया-पुराना अदरक 100-200 रुपए, मैथी की भाजी 100-200 रुपए, ककोड़ा व हरा मटर 200-250 रुपए प्रतिकिलाे फुटकर में बेचा जा रहा है। इसी तरह भिंडी, बरबटी, परवल, ककड़ी, बैंगन, गाजर, चुकंदर, तुरैया समेत अन्य सब्जियों के रेट भी फुटकर में लगभग दोगुने हैं।

आलू-प्याज के रेट का भी यही हाल है, थोक में नया-पुराना आलू 30-32 रुपए है तो फुटकर में इसे 35 से 40 रुपए प्रतिकिलो बेचा जा रहा है। प्याज थोक में 45-48 रुपए है तो फुटकर में 50-55 रुपए प्रतिकिलाे बेची जा रही है।

मौसम की वजह से बढ़े दाम

सब्जियों के बढ़े हुए दामों के पीछे सब्जी व्यापारियों के कई तर्क हैं। हरी सब्जियों के दामों में तेजी आने के पीछे हाल ही में हुई तेज बारिश को ठहराया जा रहा है। इसके अलावा दूसरे शहरों व राज्यों से आने वाली सब्जियों में टोल टैक्स व डीजल के महँगे दामों का भी कारण दिया जा रहा है। हालाँकि ये बात भी कही जा रही है कि जल्द ही हेल्दी सीजन शुरू होने के बाद हरी सब्जियों के दामों में गिरावट हो सकती है।

इन शहरों से आता है माल

जबलपुर ग्रामीण अंचलों के साथ सब्जियों का थोक व्यापार इंदाैर, छिंदवाड़ा, शाजापुर, सुजालपुर, रायपुर, इलाहाबाद, आगरा, नासिक, बेंगलुरु, मंदसौर से किया जाता है।

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