Jabalpur News: दो तहसीलदारों के नामांतरण प्रकरणों को लिया निगरानी में
- सभी फैसलों में आवेदकों को दस्तावेज सहित बुलाकर हो रही सुनवाई
- ऐसे निर्णय बहुत कम होते हैं जब जिन प्रकरणों में फैसला हो चुका होता है उनकी दोबारा सुनवाई की जाती है।
Jabalpur News: जमीन के फर्जीवाड़े में दोषी और फरार तहसीलदार सहित एक अन्य तहसीलदार के पारित प्रकरणों को निगरानी में लिया गया है जिससे इनकी दोबारा सुनवाई की जा रही है। गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए कलेक्टर ने इन मामलों की सुनवाई शुरू कर दी है। आवेदक दस्तावेज लेकर हाजिर हो रहे हैं।
आवेदकों के पास जब नोटिस पहुँच रहे हैं तो वे चौंक जाते हैं कि प्रकरण में फैसला हो चुका था फिर दोबारा सुनवाई क्यों हो रही है। इसके लिए जब वे कलेक्ट्रेट पहुँचते हैं तब उन्हें हकीकत पता चलती है कि उनके ही नहीं सम्बंधित तहसीलदार द्वारा सुनाए गए सभी फैसलों को निगरानी में लिया गया है।
अधारताल तहसील के तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे जमीन के मामले में हुई गड़बड़ी में फरार हैं। उनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज है और अब तो उनकी सूचना देने वाले को इनाम भी दिया जाएगा। ऐसे में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने हरि सिंह धुर्वे द्वारा तहसीलदार के रूप में दिए गए फैसलों को निगरानी में लिया है।
उन्होंने 19 फैसले सुनाए थे जिसके लिए आवेदकों को नोटिस जारी हो चुके हैं और उनकी सुनवाई भी शुरू हो गई है। हर प्रकरण में यह देखा जाएगा कि तहसीलदार ने फैसला सुनाते समय किसी प्रकार की गड़बड़ी तो नहीं की। ऐसा ही निर्णय तहसीलदार दीपक पटेल के लिए भी लिया गया है। उनके 32 प्रकरणों को निगरानी सूची में डाला गया है। वर्तमान में वे कुंडम तहसीलदार हैं जबकि इससे पहले शहपुरा और अधारताल में भी वे पदस्थ रहे।
बहुत कम होते हैं ऐसे निर्णय
बताया जाता है कि ऐसे निर्णय बहुत कम होते हैं जब जिन प्रकरणों में फैसला हो चुका होता है उनकी दोबारा सुनवाई की जाती है। यह एक नजीर है कि गड़बड़ी करने वालों को कभी भी पकड़ा जा सकता है। अब यदि निगरानी में लिए गए प्रकरणों में गड़बड़ी सामने आती है तो ऐसे में और मामले दर्ज हो सकते हैं। कलेक्टर के इस फैसले से भारी हड़कम्प है।