Jabalpur News: कोचिंग डिपो, पिट लाइन में एसी कोच की चैकिंग के बाद ट्रैक पर आएँगी ट्रेनें

  • गोंडवाना मामले के बाद डीआरएम के निर्देश पर जाँच शुरू
  • कोच में पानी किस जगह से आ रहा है यह जानना जरूरी है। इस पर रोक लगाना जरूरी है।
  • किसी भी कोच में गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल उसकी मरम्मत कराई जाए

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-18 13:54 GMT

Jabalpur News: जबलपुर रेल मंडल से चलने वाली सभी ट्रेनों के एसी कोचों की कोचिंग डिपो और पिट लाइन में जाँच शुरू हो गई है। कोच में पानी टपकने की शिकायत को रेल प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। डीआरएम विवेक शील ने मंगलवार को अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जबलपुर की सभी ट्रेनों के एसी कोचों की जाँच काेचिंग डिपो में ही कर ली जाए। कोच में पानी किस जगह से आ रहा है यह जानना जरूरी है। इस पर रोक लगाना जरूरी है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों 9 सितंबर को जबलपुर से रवाना हुई हजरत निजामुद्दीन (गोंडवाना एक्सप्रेस) के एसी कोचों में बारिश का पानी टपकने का मामला सामने आया था। खास बात यह है कि जिन कोचों का जबलपुर मंडल में मेंटेनेंस हुआ था उन्हीं कोचों में पानी भरने की शिकायतें आई थीं।

इस ट्रेन के एसी थ्री कोच में पानी भरने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यात्रियों द्वारा इसकी शिकायत ट्रेन के दमाेह पहुँचने के दौरान तेज बारिश से एसी थ्री की विंडो से पानी टपकने की रेलवे स्टाफ से की गई थी मगर उस शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई और पानी की बूँदें तेज हो गईं। इसके बाद यात्रियों को मजबूरन हंगामा तक करना पड़ गया।

हर एक कोच का हो परीक्षण

बताया जाता है कि इस घटना के बाद रेलवे द्वारा अपने स्तर पर कोच की जाँच शुरू कर दी गई, मगर पिछले दो दिनों से हो रही तेज बारिश के चलते मंंगलवार को डीआरएम श्री शील ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि कोचिंग डिपो और पिट लाइन में हर कोच की बारीकी से जाँच की जाए। किसी भी कोच में गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल उसकी मरम्मत कराई जाए, ताकि यात्रियों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।

एनआई कार्य ने बढ़ाई अन्य ट्रेनों में भीड़

जबलपुर मंडल के दमोह रूट पर कराए जा रहे एनआई कार्य के चलते इस रूट की कुछ ट्रेनों को निरस्त किया गया है। इस वजह से यहाँ से गुजरने वाली दूसरी ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है। बताया जाता है कि दूसरी ट्रेनों में ओवरक्राउड की शिकायतें यात्रियों द्वारा रेल मदद में भी की जा रही हैं।

जिसके चलते रेल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि जिन लाइनों में निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं वहाँ कार्य पूरा हाेते ही इस बात काे एनाउंस कराया जाए कि इस रूट पर ट्रेनें विधिवित रूप से चालू हो गई हैं जिससे दूसरी ट्रेनों में ओवरक्राउड की समस्या समाप्त हो सके।

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