Jabalpur News: करोड़ों खर्च फिर भी कहीं दिन में जल रहीं स्ट्रीट लाइटें, तो कहीं रात में भी छाया रहता है अँधेरा
- ये कैसी वर्किंग: कई जगह पर खराब हो गए टाइमर
- नगर निगम का प्रकाश विभाग नहीं कर रहा मॉनिटरिंग
- जानकारों के अनुसार शहर के 79 वार्डों में 54 हजार स्ट्रीट लाइटें हैं।
Jabalpur News: शहर की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए। कई जगह सेंट्रल लाइटिंग के साथ एलईडी आदि भी लगाई गईं, लेकिन शक्ति आराधना के पर्व नवरात्र में भी ये जनता के काम पर नहीं आ पा रहीं।
जानकारों ने बताया कि शहर में कई जगह दिन में ही स्ट्रीट लाइटें जल रही हैं और कहीं रात के समय भी सड़कों पर अँधेरा छाया रहता है। यह समस्या टाइमर खराब होने की वजह से बनी है। इससे स्ट्रीट लाइटों के जलने और बुझने का समय बदल गया है। हैरानी की बात तो ये है कि शिकायतों के बावजूद नगर निगम प्रकाश विभाग के अधिकारी समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं। इसके चलते नवरात्र पर्व पर भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारों के अनुसार स्मार्ट सिटी ने तीन साल पहले शहर में 12 करोड़ रुपए खर्च कर एलईडी स्ट्रीट लाइटों के साथ नए टाइमर भी लगाए थे। इसके बाद स्ट्रीट लाइटों को नगर निगम को सौंप दिया गया। कुछ दिन बाद टाइमर खराब होने लगे। इसके कारण शहर में जगह-जगह दिन में स्ट्रीट लाइटें जलने लगीं और रात में अँधेरा छाने लगा।
यही हालत नवरात्र पर्व पर भी देखने को मिल रही है। शहर में मुख्य सड़कों पर हाईकोर्ट चौक, मालगोदाम चौक, विजय नगर, त्रिमूर्ति नगर, जगदम्बा कॉलोनी, स्टेट बैंक कॉलोनी, रामपुर, जयप्रकाश नगर, अधारताल और रांझी क्षेत्र में दिन में स्ट्रीट लाइटें चालू रहती हैं और रात में अँधेरा छाया रहता है।
शहर में पिछले 15 दिन से खराब टाइमरों को सुधारने का काम किया जा रहा है। शेष टाइमरों को भी एक या दो दिन में सुधार लिया जाएगा। प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए निरंतर काम किया जा रहा है।
- नवीन लोनारे, कार्यपालन यंत्री, प्रकाश विभाग
54 हजार स्ट्रीट लाइटें, 115 कर्मचारी
जानकारों के अनुसार शहर के 79 वार्डों में 54 हजार स्ट्रीट लाइटें हैं। इनके मेन्टेनेन्स के लिए नगर निगम के प्रकाश विभाग के पास 115 कर्मचारी हैं। इनमें 25 नियमित और 90 आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं। इनके भरोसे स्ट्रीट लाइटों का सुधार कार्य हो रहा है। हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम ने नवरात्र पर्व पर भी प्रकाश विभाग को अतिरिक्त कर्मचारी नहीं दिए। इसके कारण कई क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइटों का सुधार कार्य नहीं हो पा रहा है।
बार-बार आ रही खराबी, नहीं हो रहा कोई स्थाई समाधान
स्मार्ट सिटी द्वारा स्ट्रीट लाइटों में लगाए गए टाइमर बार-बार खराब हो रहे हैं। प्रकाश विभाग के कर्मचारी सुधार कार्य करते हैं और कुछ दिन बाद टाइमर फिर से खराब हो जाते हैं। इसके बाद भी प्रकाश विभाग के अधिकारी टाइमर खराब होने की समस्या का स्थाई हल नहीं निकाल पा रहे। इसका खामियाजा बिजली की बर्बादी के रूप में भुगतना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ रात में अँधेरा होने से आम नागरिकों को परेशानी हो रही है। नागरिकों का कहना है कि टाइमर खराब होने की समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए।