Jabalpur News: दीप पर्व से पहले पुष्य नक्षत्र 24 को सोना-चांदी और अचल संपत्ति की खरीद के लिए लाभकारी

  • इस त्योहारी बेला में शुभ योग और नक्षत्र का संयोग, स्थायी समृद्धि के लिए खरीदी करना श्रेष्ठ
  • शेयर मार्केट या स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े बहुत सारे परिवर्तन नए स्टार्टअप के रूप में दिखाई देंगे
  • इस नक्षत्र में सोना-चांदी के साथ अचल संपत्ति की खरीदारी का विशेष महत्व होता है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-05 09:59 GMT

Jabalpur News: दीपावली महापर्व के पहले 24 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र आ रहा है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी गुरुवार को होने से इसे गुरु पुष्य कहा जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 27 नक्षत्रों में से पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ माना जाता है। इसे नक्षत्रों का राजा कहा गया है। पं. अजय कृष्ण शंकर व्यास के अनुसार पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई वस्तुएं स्थायी और सर्वश्रेष्ठ फलदायी मानी जाती हैं। इस दौरान हर प्रकार की खरीदी की जा सकती है।

पुष्य नक्षत्र की शुरुआत 24 अक्टूबर को सुबह 11:45 बजे से होगी। यह 25 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदारी और शुरू किए गए व्यापार में बढ़ोतरी होती है। पुष्य नक्षत्र में शिव-पार्वती, इंद्र और भैरव देव की पूजा से धन-संपत्ति, वैभव और सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद मिलता है।

पुष्य नक्षत्र में खरीदी इसलिए शुभ :पंडित व्यास के अनुसार, पुष्य नक्षत्र के स्वामी ग्रह शनि हैं। वहीं पुष्य नक्षत्र के देवता गुरु बृहस्पति हैं। पुष्य नक्षत्र की राशि कर्क है। गुरु पुष्य योग ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण योग माना जाता है। यह योग तब बनता है, जब गुरु ग्रह (बृहस्पति) पुष्य नक्षत्र में होता है। दोनों ही (गुरु ग्रह और पुष्य नक्षत्र) धन, समृद्धि और ज्ञान के प्रतीक माने जाते हैं। इसलिए इन दोनों के संयोग से बनने वाला यह योग बेहद शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र में सोना-चांदी के साथ अचल संपत्ति की खरीदारी का विशेष महत्व होता है।

पुष्य नक्षत्र में इनकी खरीदी स्थायी लाभ देने वाली

अचल संपत्ति

मकान, प्लॉट, फ्लैट, कृषि भूमि और व्यावसायिक संपत्ति।

चल संपत्ति

आभूषणों में सोना, चांदी, हीरा, प्लेटिनम के आभूषण। ऑटोमोबाइल (चार पहिया वाहन, दोपहिया वाहन), इलेक्ट्रिक दोपहिया-चार पहिया वाहन। इलेक्ट्राॅनिक सामान में फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप, माइक्रोवेव ओवन आदि।

बाजार की गति बदलेगी, नए स्टार्टअप से बाजार में लाभ होगा

वेदाचार्य पं. मनीष डब्बावाला के अनुसार पुष्य नक्षत्र 27 नक्षत्रों में विशेष महत्व रखता है। संयोग से शनि केंद्र योग बनाकर रहेंगे। बृहस्पति मूल त्रिकोण अधिपति बनकर रहेंगे। दोनों ही स्वामित्व की स्थितियां बाजार की गति बदलेगी।

मुख्य बात यह है कि शेयर मार्केट या स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े बहुत सारे परिवर्तन नए स्टार्टअप के रूप में दिखाई देंगे, क्योंकि नक्षत्र का संचरण दोनों ही ग्रहों को ऊर्जा दे रहा है। इस दृष्टि से बाजार की परिभाषा बदलेगी। व्यापार-व्यवसाय का तरीका बदलेगा और मुख्य यह है कि स्व सहायता के लिए लोग आगे आने लगेंगे। यह विशेष परिवर्तन होगा, जो पूर्व में नहीं हुआ है।

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