Jabalpur News: डुमना रोड के महगवाँ में जमीन तो खरीद ली, नहीं बना पा रहे मकान
- जनसुनवाई: महिला ने की शिकायत, कलेक्ट्रेट में सुनीं गईं आवेदकों की समस्याएँ
- अधिकारियों को निराकरण के निर्देश
- वरिष्ठ अधिकारियों से भी शिकायत की जा चुकी है लेकिन इसके बाद भी काेई निर्णय नहीं लिया जा सका है।
Jabalpur News: विद्युत नगर ग्वारीघाट निवासी महिला ने कलेक्टर की जनसुनवाई में शिकायत दी कि उन्होंने रांझी तहसील स्थित महगवाँ डुमना रोड में वर्ष 2022 में अपना मकान बनाने के लिए जमीन खरीदी थी। राजस्व रिकाॅर्ड में भी जमीन मेरे ही नाम पर है लेकिन जब भी मकान बनाने का कार्य शुरू किया जाता है वहाँ खुद को सेना के कर्मचारी बताते हुए कुछ लोग आते हैं और काम रुकवा देते हैं।
इस सम्बंध में तहसीलदार ने आदेश पारित किया था कि केवल स्थानीय निकाय की अनुमति लेकर मकान का निर्माण किया जा सकता है लेकिन इस आदेश को भी कोई मान्यता नहीं दी जा रही है। महिला रेखा कनौजिया ने बताया कि जमीन खरीदने के बाद बैंक से लोन भी ले लिया है लेकिन मकान का निर्माण ही नहीं होने दिया जा रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों से भी शिकायत की जा चुकी है लेकिन इसके बाद भी काेई निर्णय नहीं लिया जा सका है। आवेदन में यह भी उल्लेख है कि मामले की जाँच कराई जाए और जो भी दोषी हो उस पर कार्रवाई की जाए।
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा
आवेदक सोने लाल गढारी निवासी नई बस्ती ग्राम बघराजी ने शिकायत सौंपी कि उनके घर के सामने की सरकारी जमीन और वहाँ बनी नाली पर कब्जा कर अवैध निर्माण कराया जा रहा है। इस मामले की पूर्व में भी शिकायत की गई थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
फर्जी काम दिखाकर पेमेंट निकाला
ग्राम पंचायत देवरी नवीन सिहोरा चिखली के कुछ लोगों ने शिकायत सौंपी कि सोकपिट और रपटा निर्माण के नाम पर सरकारी राशि निकाल कर खर्च कर दी गई लेकिन कार्य नहीं कराया गया। इसी प्रकार सीसी रोड के लिए भी सांसद निधि से 2 लाख रुपए प्राप्त हुए थे जिसमें से 79 हजार रुपए निकाल लिए गए। मामले की जाँच कराई जाए।
छह प्रकरणों में दोनों पक्षों की सुनवाई-
जनसुनवाई में मंगलवार को कुल 134 आवेदनों के अलावा 53 ऐसे आवेदन भी प्राप्त हुए जो पूर्व में आ चुके थे। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जनसुनवाई के तहत ही दो पक्षों के बीच विवाद से जुड़े 11 प्रकरणों की समक्ष में सुनवाई भी की।
कलेक्टर ने प्रकरणों की जाँच के दौरान पाया कि शपथकर्ता द्वारा शपथ-पत्र में हस्ताक्षर नहीं होने पर भी नोटरी के लिए अधिकृत व्यक्ति द्वारा उसे सत्यापित किया गया है। इस पर कलेक्टर ने जिला न्यायाधीश को इस संबंध में जानकारी देने व उनके लायसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारी को दिए।