Jabalpur News: गृह निर्माण समिति के अध्यक्षों ने कर दिया प्लाॅटों का गाेलमाल

  • एक पार्षद और बिल्डर विनय दुबे ने अपनी पत्नी व रिश्तेदारों के नाम लिए प्लॉट
  • रिकाॅर्ड में जो भी गड़बड़ी पाई जाती है उसकी रिपोर्ट आने के बाद विधिवत कार्रवाई की जाएगी।
  • दो सदस्यीय सदस्यों के द्वारा समिति का रिकॉर्ड चैक किया जा रहा है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-04 13:33 GMT

Jabalpur News: लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों के लिए बनाई गई लोक निर्माण कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति संजीवनी नगर गढ़ा सोसायटी में इस कदर गोलमाल हुआ है कि बाहरी व्यक्तियों तक को प्लाॅट बेच दिए गए। नियमों को ताक पर रखकर एक पार्षद व बिल्डरों ने अपनी पत्नी, कर्मचारी सहित अन्य परिवार के लोगों के नाम पर प्लाॅट लिए जाने का आरोप शिकायतकर्ता के द्वारा लगाए गए हैं।

शिकायतकर्ता रोमेश कुमार तिवारी ने बताया कि लोक निर्माण कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति को खसरा नंबर 179/1, 180, 181, 182, 211 अलॉट किया गया है। नियम यह था कि सिर्फ उन लोगों को प्लॉट दिए जाएँगे जो प्लॉट विहीन हैं। जिनके पास प्लॉट हैं उन्हें प्लॉट नहीं दिए जाएँगे।

प्लॉट अगर अलॉट हुए हैं तो उन्हें नियम के तहत सोसायटी को वापस लेना होगा और सोसायटी में जमा कराई गई राशि नियम के तहत प्लॉट खरीदने वालों को वापस करनी होगी। नियमों को दरकिनार करते हुए अनिल व अशोक बिलथरिया ने सारे बाहरी लोगों को प्लॉट बेच दिए। यहाँ तक कि अध्यक्ष ने अपने ही भाई को विकासकर्ता बनाकर लाखों रुपए लिए।

दो सदस्यीय सदस्यों के द्वारा समिति का रिकॉर्ड चैक किया जा रहा है। रिकाॅर्ड में जो भी गड़बड़ी पाई जाती है उसकी रिपोर्ट आने के बाद विधिवत कार्रवाई की जाएगी।

प्रसन्न कुमार सिद्धार्थ, डिप्टी डायरेक्टर सहकारी समितियाँ

रिकाॅर्ड जमा करने के लिए नोटिस जारी

वहीं सहकारी संस्थाएँ के ऑडिटर ने एक लोक निर्माण कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति के अध्यक्ष को पूरा रिकाॅर्ड जमा करने के लिए नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी होने के बाद भी समिति के अध्यक्ष राकेश नामदेव के द्वारा आज तक न तो पत्र का जवाब दिया गया और न ही दस्तावेज जमा किए गए।

इन लोगों को दिए गए प्लॉट

यह भी आरोप है कि लोकनिर्माण कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति के अध्यक्षों ने मिलकर मनीष पटैल, रागनी दुबे पति विनय दुबे, गोलू साहू सहित अन्य लोगों को प्लाॅट बेचे हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि इनके पास आलीशान घर है और लोकनिर्माण विभाग के कर्मचारी भी नहीं हैं। उसके बाद भी इन्हें प्लाॅट दिए गए हैं।

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