Jabalpur News: अतिक्रमण निगल गया माढ़ोताल तालाब के जल निकासी के रास्ते, अब कॉलोनी में भर रहा पानी
- विडंबना: तीन दिन बाद भी नगर निगम की टीम नहीं निकाल पा रही पानी
- नहीं हटाए जा रहे अवैध कब्जे, नागरिक परेशान
- माढ़ोताल तालाब के जल निकासी के रास्ते पर अतिक्रमण कर लिए गए हैं।
Jabalpur News: शहर के 55 एकड़ के माढ़ोताल तालाब के जल निकासी के रास्तों को अतिक्रमणों ने निगल लिया है। हालत ये हैं कि अवैध कब्जों के कारण तालाब के ओवरफ्लो का पानी नहीं निकल पा रहा है और वह डायवर्ट होकर आसपास की कॉलोनियों में भरने लगा है।
आईटीआई के सामने स्थित कॉलोनी की सड़क पर अभी भी दो-दो फीट पानी भरा हुआ है। नगर निगम की टीम पिछले तीन दिन से कॉलोनी से पानी निकालने में जुटी हुई है, लेकिन पानी नहीं निकल पा रहा है। इससे कॉलोनी के नागरिक परेशान हैं। उनका कहना है कि तालाब के पानी की निकासी के रास्तों से अतिक्रमण जल्द हटाए जाने चाहिए।
समस्या से परेशान क्षेत्रीय नागरिकों ने बताया कि माढ़ोताल तालाब की प्राकृतिक ढलान आईटीआई की तरफ है। बारिश के दौरान जब माढ़ोताल तालाब ओवरफ्लो होता है, तो उसका पानी आईटीआई के सामने की तरफ से बाहर निकलता है।
लोगों का कहना है कि माढ़ोताल तालाब की जलनिकासी के रास्ते पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे कर लिए गए हैं। पाँच दिन पहले हुई बारिश में माढ़ोताल तालाब लबालब भर गया है। अब तालाब के पानी को बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिल रहा है। इससे तालाब का पानी कॉलोनी में भरने लगा है। हालत यह है कि कॉलोनी की सड़क पर दो-दो फीट पानी भरा हुआ है। यहाँ रहने वाले लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है, इसके बाद भी पानी निकासी की व्यवस्था नहीं बनाई जा रही है।
इधर, नाले के ऊपर ही पाइप डालकर कर लिया अवैध कब्जा
आईटीआई मेन गेट से करीब 50 मीटर आगे एक पुराने नाले के जरिए बारिश का पानी माढ़ोताल तालाब में जाता था। यहाँ पर नाले के ऊपर पाइप डालकर पक्का निर्माण कर लिया गया है। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि नियमों के अनुसार नाले के ऊपर किसी को भी निर्माण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसके बाद भी जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
प्रदर्शन के बाद भी नहीं खुली प्रशासन की नींद
बताया गया है कि कॉलोनी में पानी भरने की समस्या से परेशान हो चुके लोगों ने शनिवार को आईटीआई के सामने चकाजाम कर दिया था। लगभग दो घंटे तक प्रदर्शन चला। इसके बाद नगर निगम का अमला हरकत में आया और कॉलोनी से पानी निकालने का काम शुरू कर दिया, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन के अधिकारियों की नींद नहीं टूटी है। जिला प्रशासन के राजस्व विभाग के किसी भी अधिकारी ने मौके पर आकर हालातों का अवलोकन नहीं किया।
दो साल पहले हुआ था सीमांकन
हाईकोर्ट के आदेश पर दो साल पहले तत्कालीन कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी. ने माढ़ोताल तालाब के सभी निजी बटाँक को निरस्त करते हुए तालाब को शासकीय घोषित कर दिया था। इसके बाद तालाब का सीमांकन भी कराया गया था। सीमांकन में खुलासा हुआ था कि तालाब के चारों तरफ व जल निकासी के रास्तों पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे कर लिए गए हैं। इन्हीं अतिक्रमणों के कारण तालाब के पानी को बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिल रहा है, कॉलोनी के लोगों का कहना है कि पानी की निकासी रास्तों पर किए गए अवैध कब्जों को जल्द हटाया जाना चाहिए।
माढ़ोताल तालाब के जल निकासी के रास्ते पर अतिक्रमण कर लिए गए हैं। इसके कारण तालाब का पानी कॉलोनी में भर रहा है। पिछले तीन दिन से ननि टीम वाॅटर पंप के जरिए पानी निकालने में जुटी हुई है। पुलिया तोड़कर भी पानी निकालने की जगह बनाई गई है।
-सत्येन्द्र चक्रवर्ती, संभागीय अधिकारी, ननि